डीएनए हिंदी: मंगलवार को सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी कि बीते तीन सालों में 3,92,643 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी. इन लोगों में सबसे अधिक भारतीयों को अमेरिका ने नागरिकता दी. सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 से 2021 के बीच 1,70,795 भारतीयों को अमेरिका ने नागरिकता दी. इसमें साल 2019 में 61,683 भारतीयों, साल 2020 में 30,828 भारतीयों तथा साल 2021 में 78,284 भारतीयों को अमेरिका ने नागरिकता दी.

रिपोर्ट में बताया गया कि अस्ट्रेलिया में पिछले तीन वर्षों में 58,391 भारतीयों, कनाडा में 64,071 भारतीयों, ब्रिटेन में 35,435 भारतीयों, जर्मनी में 6,690 भारतीयों, इटली में 12,131 भारतीयों, न्यूजीलैंड में 8,882 भारतीयों तथा पाकिस्तान में 48 भारतीयों को नागरिकता मिली है.

पढ़ें- Earthquake: देश में हर दिन आते हैं 4 भूकंप, दिल्ली और शहरों में भुज सबसे सुरक्षित

लोग क्यों छोड़ते हैं नागरिकता?
दुनियाभर में लोग हर साल एक देश की नागरिकता छोड़ दूसरे देश की नागरिकता ले रहे हैं. इनके पीछे अलग-अलग वजह हैं. नागरिकता छोड़ने के पीछे अलग-अलग देशों में इसके पीछे अलग-अलग वजहें हो सकती हैं.

पढ़ें- क्या निर्विरोध चुने जा सकते हैं देश के उपराष्ट्रपति, कैसा रहा है अब तक इतिहास?

Global Wealth Migration Review की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोगों द्वारा एक देश की नागरिकता छोड़ दूसरे देश की नागरिकता लेने की कई वजहें हो सकती हैं. इनमें महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, जलवायु और प्रदूषण जैसे लाइफ स्टाइल फैक्टर, टैक्स सहित वित्तीय चिंताएं, परिवार के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और बच्चों के लिए बेहतर शैक्षिक अवसरों की तलाश नागरिकता छोड़ने की वजह हो सकती हैं. इसके अलावा बहुत सारे लोग अपने देश की दमनकारी सरकारों से बचन के लिए भी कई बार अपने देश की नागरिकता छोड़ते हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
Why people leave citizenship of India
Short Title
किसी देश की नागरिकता क्यों छोड़ते हैं लोग?
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
प्रतीकात्मक तस्वीर
Caption

प्रतीकात्मक तस्वीर

Date updated
Date published
Home Title

किसी देश की नागरिकता क्यों छोड़ते हैं लोग? पिछले तीन सालों में करीब 4 लाख है ऐसे भारतीयों की संख्या