डीएनए हिंदी: आजादी मिलने से पहले तक भारत और पाकिस्तान एक ही थे. आजादी की कीमत इन दोनों देशों को विभाजन के तौर पर चुकानी पड़ी. आजादी मिली तो एक ही देश के दो टुकड़े हुए. एक भारत बना तो दूसरा पाकिस्तान बन गया. अब आजादी के सात दशक बाद हर तरफ आजादी के अमृत महोत्सव का उत्सव है लेकिन विभाजन में जो प्रभावित हुए उनका दर्द भी कम नहीं है. इस सबके बीच एक सवाल भी उठता रहा है कि आखिर जब दोनों देश एक ही दिन आजाद हुए तो पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस भारत से एक दिन पहले 14 अगस्त को क्यों मनाता है?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि भारत को अंग्रेजों से 15 अगस्त का आजादी मिली थी लेकिन पाकिस्तान को अलग देश के तौर पर 14 अगस्त को ही मंजूरी मिल गई थी. इसी दिन ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि लॉर्ड माउंटबेटन ने पाकिस्तान को आजाद देश का दर्जा दे दिया था और सत्ता सौंपी दी. कोशिश यह था कि 15 अगस्त के दिन पाकिस्तान के आला अफसर नई दिल्ली आ सकें और भारत के पहले स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल हो सकें.
रात 12 बजे किए गए थे स्वतंत्रता कानून पर हस्ताक्षर
कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि अंग्रेजों ने इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट पर 15 अगस्त 1947 को नई दिल्ली में रात के 00:00 बजे (12 बजे रात) दस्तखत किए गए थे. पाकिस्तान का वक्त भारत के वक्त से 30 मिनट आगे है यानी लगभग आधा घंटा पहले है. इसलिए जब कानून पर दस्तखत किए गए थे उस वक्त पाकिस्तान में 14 अगस्त का ही दिन था.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान बनने के बाद आजादी की दो वर्षगांठ यानी 1948 और 1949 में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया गया था लेकिन मोहम्मद जिन्ना के गुजरने के बाद इस लम्हे को 24 घंटे पहले मनाया जाने लगा. तब से 14 अगस्त ही पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है. इस तरह अलग-अलग रिपोर्ट्स और तथ्यों में अलग तरह से इस बात को जाहिर किया गया है लेकिन सच यही है कि पाकिस्तान अपनी आजादी का जश्न भारत से एक दिन पहले मनाता है. इसके साथ ही भारत में अब 14 अगस्त को विभाजन की विभीषिका को याद करने वाले स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है.
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Independence Day 2023: भारत से एक दिन पहले कैसे आजाद हो गया था पाकिस्तान?