डीएनए हिंदी: जोशीमठ तबाह हो रहा है. सड़कों में दरारें पड़ी हैं, घरों की छतें टूट गई हैं और खंडहर ढह रहे हैं. कुछ इलाकों में जमीन से पानी निकल रहा है. लोगों को मजबूरन घर छोड़कर भागना पड़ा है. सरकार लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचा रही है. उत्तराखंड का यह शहर अचानक से तबाह नहीं हो रहा है. वैज्ञानिक 4 दशकों से लगातार यह आशंका जाहिर कर रहे थे कि अंधाधुंध निर्माण, यहां का भूगोल बदलकर रख देगा. भूस्खलन की जमीन पर तैयार हुआ यह शहर, बर्बादी की कगार पर है. वैज्ञानिकों की सलाहों को नजर अंदाज करने का नतीजा लोग भुगत रहे हैं.

सरकारी और औद्योगिक चूक, जनता की जान पर भारी पड़ी है. जोशीमठ डूब रहा है. जगह-जगह भू-धंसाव हो रहा है. लोग बेहद डरे हुए हैं. आशंका यह है कि यह शहर पूरी तरह से तबाह न हो जाए. प्राचीन धार्मिक विरासतों को संजोने वाला यह शहर, महज एक याद न बन जाए.

क्यों धंस रहा है जोशीमठ?

जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन और भू-धंसाव की कई वजहें हैं. क्लाइमेट चेंज, भूस्खलन, अंधाधुंध निर्माण, पेड़ों की कटान से लेकर अप्रत्याशित बारिश तक, ऐसे कई कारण हैं, जो जोशीमठ की बर्बादी के लिए जिम्मेदार हैं. वैज्ञानिकों ने पहले भी आगाह किया था कि जोशीमठ की जमीन, इतने निर्माण सह नहीं पाएगी. अगर समय रहते सरकार चेत जाती तो ऐसी आपदा नहीं आती.

Joshimath sinking: जोशीमठ हो रहा है तबाह, 4 दशक से वैज्ञानिकों को सता रहा था डर, क्या रोकी जा सकती है बर्बादी?

अब सरकार चेती है लेकिन बहुत देर हो चुकी है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को जोशीमठ में प्रभावित परिवारों के घरों का दौरा किया. उनकी सुरक्षा और पुनर्वास का वादा दोहराकर उन्होंने औपचारिका निभा दी है. सीएम धामी ने कहा कि शहरवासियों को तत्काल जोशीमठ खाली कर देना चाहिए.


क्या है भू-धंसाव या Land subsidence?

जमीन के अपने तल से नीचे खिसकनी की घटना भू-धंसाव है. जमीन धीरे-धीरे धंसने लगती है. जब जमीन से पानी या खनिज का अंधाधुंध दोहन होता है, तब भी ऐसी घटनाएं सामने आती हैं. यह जमीन के अंदर प्लेटों के स्थान परिवर्तन की वजह से भी हो सकता है. भू-पर्पटी में आए परिवर्तन भी भू-धंसाव के लिए जिम्मेदार होते हैं. भूमि के धंसने से इमारतों और सड़कों को नुकसान जैसी समस्याएं पैदा होती हैं. जरा सी बारिश या बाढ़ शहर को पूरी तरह से तबाह कर सकता है.

क्यों डूब रहा है जोशीमठ, जान लीजिए

अगस्त 2022 में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) ने एक स्टडी पब्लिश की थी. जोशीमठ के धंसने में भूगर्भीय कारकों की भूमिका बेहद अहम है. यह शहर टेक्टोनिक फॉल्ट लाइन पर स्थित है. दो अन्य मुख्य भूवैज्ञानिक दोष रेखाओं पर यह शहर बसा है. 

Joshimath Sinking: जोशीमठ में भगवती देवी का मंदिर गिरा, विस्थापितों को 6 महीने किराया देगी सरकार, उत्तरकाशी जिले में भी धंसी जमीन

मेन सेंट्रल थ्रस्ट (MCT) और पांडुकेश्वर थ्रस्ट (PT). मेन सेंट्रल थ्रस्ट बड़े और छोटे हिमालय और वृहत्तर हिमालय के बीच एक प्रमुख भूवैज्ञानिक भ्रंश रेखा है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की स्टडी के मुताबिक यह शहर विवर्तनिक गतिविधि की वजह से धंस सकता है.

जोशीमठ के डूबने की एक वजह उस क्षेत्र में हो रही अप्रत्याशित बारिश भी है. भारी वर्षा और हाल के दिनों में आई बाढ़ ने भी जोशीमठ को तबाह करने में अहम भूमिका निभाई है. जून 2013 और फरवरी 2021 में आई भीषण बाढ़ ने भी भू धंसाव को बढ़ाया है.

अंधाधुंध निर्माण की वजह से भी तबाह हुआ जोशीमठ

वैज्ञानिकों का कहना है कि जोशीमठ में हुए अंधाधुंध निर्माण की वजह से जमीन धंस रही है. विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना, जोशीमठ और तपोवन के आसपास जलविद्युत योजनाओं के निर्माण को भी जिम्मेदार माना जा सकता है. हेलंग बाईपास के निर्माण के लिए सीमा सड़क संगठन (BR0) ने भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया है. इसकी वजह से भी भूस्खलन हुआ होगा. जोशीमठ के आसपास के सभी निर्माणों पर अब रोक लगा दी गई है.

सरकार को क्या करना चाहिए?

सरकार को जोशीमठ को लेकर वैज्ञानिकों की चेतावनी पर ध्यान देना होगा. जोशीमठ में भू-धंसाव को रोकने के लिए सरकार को अहम निर्णय लेने होंगे. इस एरिया में निर्माण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना होगा. भू धंसाव प्रभावित इलाके में निर्माण कार्य रोकना होगा. यहां के लिए दीर्घ कालिक नीतियों को बनाना होगा. जब तक कंस्ट्रक्शन वर्क नहीं रुकेगा, तबाही नहीं रुकेगी. मौसम के अनुकूल सरकार को रणनीति तैयार करनी होगी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Why Joshimath sinking what land subsidence Uttarakhand Crisis All you need to know
Short Title
Joshimath sinking: सरकार को पहले से पता था ऐसा होने वाला है?
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
जोशीमठ में कई जगह दरारें पड़ चुकी हैं.
Caption

जोशीमठ में कई जगह दरारें पड़ चुकी हैं.

Date updated
Date published
Home Title

सरकार को पहले से पता था ऐसा होने वाला है? मान ली होती ये बात तो आज गिरने की जगह खड़ा होता जोशीमठ