डीएनए हिंदी: शिवसेना (Shivsena) अब दो फाड़ हो चुकी है और इस मामले में मुख्य किरदार उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से बगावत करने वाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) हैं. एकनाथ शिंदे ने ही अब इस बात का खुलासा बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर (Nana Patekar) से किया है. शिंदे ने कहा कि सहन शीलता की सीमा पार हो गई थी और पानी सिर से ऊपर जा चुका था जिसके बाद उन्होंने उद्धव को झटका दे दिया.

हाल ही एकनाथ शिंदे ने बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर से मुलाकात की थी. नाना ने पूछा था कि आखिर उद्धव से बगावत क्यों की तो इस पर शिंदे ने कहा, "कुछ चीजों की सहनशीलता की सीमा होती है, लेकिन जब पानी सिर के ऊपर से चला जाता है तो निर्णय लेना पड़ता है. हमने जो किया है उसकी वजह से हम खुश नहीं हैं."

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नहीं मिला कोई महत्व

दरअसल, एकनाथ शिंदे एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान के कार्यक्रम में नाना पाटेकर के सवालों का जवाब दे रहे थे. इस दौरान शिंदे ने भावनात्मक और राजनीतिक कारणों के बारे में विस्तार से बताया कि आखिर उन्होंने शिवसेना से बगावत क्यों की जिसको लेकर शिंदे ने  मुखरता से जवाब दिया है और इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर उद्धव ठाकरे पर राजनीतिक हमले किए हैं. एकनाथ शिंदे ने कहा, "जिस पार्टी में हमने इतने साल काम किया, हमने कड़ी मेहनत की, खून-पसीना बहाया, अथक परिश्रम किया, उसने हमारे अनुरोध पर कभी ध्यान नहीं दिया. इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि हम काम के बाद घर पहुंचेंगे. 

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शिंदे ने कहा-कोई गलती नहीं की

एकनाथ शिंदे ने नाराजगी को हल करने के मुद्दे पर कहा कि इसे खत्म करने के प्रयास भी किए गए ते लेकिन अंत में जब बात नहीं बनी तो बगावत करना ही ठीक समझा गया. शिंदे ने कहा, "फिर भी हमने हर संभव कोशिश की. जब कुछ गलत हुआ तो हमें निर्णय लेना पड़ा. हमनें निर्णय इसलिए लिया क्योंकि पार्टी अपनी पहचान खो रही थी. हमने पार्टी को बचाने के लिए निर्णय लिया. मुझे लगता है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है." शिंदे ने सीधे तौर पर कहा है कि उन्हें अपने इस कदम पर किसी तरह का पछतावा नहीं है. 

पार्टी की आंतरिक लड़ाई और चुनाव चिन्ह के मसले पर भी शिंदे को पूर्ण विश्वास है कि उन्हें ही आगे जाकर धनुष-बाण मिलेगा. उन्होंने कहा, "हमें चुनाव चिन्ह के बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है. हम इसे योग्यता के आधार पर प्राप्त करेंगे. चुनाव आयोग अंधेरी के उपचुनाव के कारण निर्णय नहीं ले सका लेकिन हमें भविष्य में धनुष-बाण मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि 55 में से 40 विधायक हमारे साथ हैं. उनके वोटों की गिनती 39 लाख है. साथ ही 18 में से 12 सांसद हमारे साथ हैं और उनकी वोट गिनती 69 लाख है. इसका मतलब है कि हमारे पास शिवसेना को मिले कुल वोटों का 70 प्रतिशत से अधिक है."

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दोनों को मिले अलग चुनाव चिन्ह

आपको बता दें कि फिलहाल चुनाव आयोग ने शिवसेना की चुनाव चिन्ह धनुष-बाण फ्रीज कर दिया है और  उद्धव गुट को मशाल का चिन्ह दिया है. इसके अलावा शिंदे गुट को दो तलवारें और ढाल चुनाव चिन्ह के तौर पर दिया गया है. यह माना जा रहा है कि आयोग ने यह निर्णय  अंधेरी चुनाव को देखते हुए लिया है. वहीं पार्टी में अधिपत्य के मसले पर चुनाव आयोग इस चुनाव के बाद बड़ा फैसला कर सकता है. 

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Why Eknath Shinde rebelled against Uddhav Thackeray told secret Nana Patekar
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एकनाथ शिंदे ने क्यों की उद्धव ठाकरे से बगावत, नाना पाटेकर को बता दिया राज
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एकनाथ शिंदे ने क्यों की उद्धव ठाकरे से बगावत, नाना पाटेकर को बता दिया राज