लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनैतिक दल जोर-शोर से प्रचार में लगे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश की रायबरेली और अमेठी सीट की खूब चर्चा हो रही है. कभी गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले अमेठी में 2019 में बीजेपी ने जीत दर्ज की. जिसके बाद से ही कांग्रेस की इस सीट से दूरी बढ़ती चली गई. अब आलम यह कि कांग्रेस अभी तक यह नहीं सोच पाई है कि इस सीट पर किसको टिकट दिया जाए. रायबरेली के लिए भी अब तक कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. इस बीच पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के एक बयान की खूब चर्चा हो रही है. एके एंटनी ने रायबरेली और अमेठी से प्रियंका और राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं.
एके एंटनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य उत्तर प्रदेश से चुनाव जरूर लड़ेगा. अटकलें नहीं लगाना चाहिए. नेहरू परिवार का एक सदस्य यूपी से चुनाव लड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि वह सदस्य रॉबर्ट वाड्रा नहीं होंगे. उनके इस बयान के बाद राहुल या प्रियंका गांधी के राज्य से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस किसे अपना उम्मीदवार यह तो लिस्ट आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन प्रियंका गांधी के इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है. इसकी एक वजह ये भी है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में खूब सक्रिय रहीं, राहुल गांधी से ज्यादा वह एक्टिव दिखाई देती रहीं.
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अमेठी और रायबरेली पर है कांग्रेस का कब्जा
उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर लंबे समय तक गांधी परिवार का कब्जा रहा है. रायबरेली से सोनिया गांधी 2019 में चुनाव जीती थीं. वह लंबे समय तक यहां की सांसद रहीं लेकिन अब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. अब राज्यसभा सांसद बन चुकी हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए रायबरेली सीट पर किसे टिकट दिया जाए, इस पर विचार करना मुश्किल हो रहा है. कांग्रेस नेता से लेकर पार्टी कार्यकर्ता तक इस बार पर जोर देते नजर आते हैं कि इस सीट से प्रियंका गांधी को मैदान में आना चाहिए. वहीं, अमेठी में राहुल गांधी को 2019 में हार का सामना करना पड़ा था. राहुल ने वायनाड से नामांकन कर दिया है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अमेठी से भी चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, यह भी देखा गया है कि 2019 में मिली हार के बाद राहुल गांधी अमेठी की जनता से नाराज दिखाई दिए. राहुल की हार पर एक बात यह भी सामने आई थी कि अमेठी की जनता को इस बात का मलाल होने लगा था कि राहुल गांधी से उन्हें वह आत्मीयता नहीं मिल सकी, जो उनके दिवंगत पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से मिलती थी. यहां तक कांग्रेस के जमीनी स्तर के कार्यकर्ता भी यह कहते नजर आए थे कि ये तो होना ही था.
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रॉबर्ट वाड्रा ने जताई थी ऐसी इच्छा
हाल में ही प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वह अमेठी में चुनाव प्रचार करते रहे हैं. लोग उनके साथ अपनी समस्याएं साझा करते हैं. उन्होंने चुनाव लड़ने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया था. वाड्रा का कहना था कि उनके परिचित लोग चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस हाईकमान इस संबंध में फैसला लेगा. उनके इस बयान के बाद से राजनैतिक गलियारे में इस बात की चर्चा तेज हो गई कि रॉबर्ट वाड्रा अमेठी से चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन पार्टी के किसी भी नेता ने इस पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी.
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