प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत को परमाणु ताकत बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले डॉ. राजगोपाला चिदंबरम के निधन पर शोक व्यक्त किया. वैज्ञानिक राजगोपाला का शनिवार तड़के निधन हो गया. मुंबई के जसलोक अस्पताल में राजगोपाला ने अंतिम सांस ली. उनकी उम्र 88 थी. देश की वैज्ञानिक और कूटनीतिक प्रगति में उनके अभूतपूर्व योगदान की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि डॉ. चिंदबरम भारत के परमाणु प्रोग्राम के निर्माताओं में से एक थे. आने वाली पीढ़ियां उनके किए कामों से प्रेरणा लेगी. राष्ट्र उन्हें कृतज्ञता के साथ याद रखेगा. 

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'डॉ. राजगोपाला चिदंबरम के निधन से दुखी हूं. वे भारत के न्यूक्लियर प्रोग्राम के प्रमुख आर्किटेक्ट में से एक थे और उन्होंने भारत की वैज्ञानिक और कूटनीतिक क्षमताओं को मजबूत करने में अभूतपूर्व योगदान दिया.' वहीं, डिपार्टमेंट ऑफ एटोमिक एनर्जी ने वैज्ञानिक चिदंबरम के निधन पर कहा, भारत की वैज्ञानिक और रणनीतिक क्षमताओं में डॉ. चिदंबरम ने अहम योगदान दिया. विज्ञान और टेक्नोलॉजी में उनके दूरदर्शी नेतृत्व को हमेशा याद किया जाएगा.

कौन थे वैज्ञानिक रोजगोपाला चिदंबरम?
वैज्ञानिक चिदंबरम का जन्म 1936 में हुआ था. मेरठ और चेन्नई में अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद, उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु में अपनी पीएचडी पूरी की, जहां से उन्होंने बाद में डी.एससी की डिग्री भी प्राप्त की. चिदंबरम ने अपने पूरे करियर में कई प्रतिष्ठित पदों पर काम किया, जिनमें भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (2001-2018), भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के डायरेक्टर (1990-1993), परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और भारत सरकार के सचिव शामिल हैं. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) (1994-1995) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दी. 

भारत की परमाणु शक्ति में उन्होंने अहम रोल निभाया. डीएई ने अपने बयान में कहा, उन्होंने 1974 में देश के पहले परमाणु टेस्ट में अहम भूमिका निभाई और 1998 में पोखरण-द्वितीय परमाणु टेस्ट के दौरान परमाणु ऊर्जा विभाग की टीम की लीडरशिप की. उनके योगदान ने भारत को वैश्विक मंच पर एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया.


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कौन से पुरस्कार मिले थे?
डॉ. राजगोपाला को 1975 में पद्म श्री और 1999 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. उन्हें 1995 में इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन से सी.वी. रमन जन्म शताब्दी पुरस्कार मिला और 1996 में मैटेरियल्स रिसर्च सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा उन्हें वर्ष का प्रतिष्ठित मैटेरियल्स साइंटिस्ट नामित किया गया. उसी वर्ष, उन्हें इंडियन फिजिक्स एसोसिएशन द्वारा आर.डी. बिड़ला पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. 2006 में भारतीय परमाणु सोसाइटी से होमी भाभा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और 2007 में इंडियन साइंस कांग्रेस में जनरल प्रेसिडेंट मेडल ने उनकी उपलब्धियों में चार चांद लगाए. 

 

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Who was Rajagopala Chidambaram the scientist who made India a nuclear power on whose death PM also expressed grief
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कौन थे भारत को परमाणु शक्ति बनाने वाले वैज्ञानिक राजगोपाला चिदंबरम
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कौन थे भारत को परमाणु शक्ति बनाने वाले वैज्ञानिक राजगोपाला चिदंबरम, जिनके निधन पर PM ने भी जताया शोक

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