भारत के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को घोषणा की कि दिल्ली के सराय काले खां स्थित अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (ISBT) के निकट चौक का नाम बदलकर भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर रखा जाएगा. यह घोषणा दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान की गई, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा की एक प्रतिमा का भी अनावरण किया. हालांकि, यह जानना दिलचस्प है कि पहले जिनके नाम पर इस जगह का नाम सराय काले खां रखा गया था वे कौन थे. तो आइए जानते हैं कि आखिर कौन थे काले खां, जिनके नाम पर रखे गए सराय काले खां का नाम बदलकर मुंडा चौक किया गया है?

कौन थे काले खां
काले खां 14वीं शताब्दी के एक महान सूफी संत थे. इन्हीं के नाम पर दिल्ली में स्थित इलाके का नाम सराय काले खां रखा गया. यह दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिले के अंतर्गत आता है. सराय काले खां के आस-पास के इलाके निजामुद्दीन, जंगपुरा, खिजराबाद, जंगपुरा एक्सटेंशन और लाजपत नगर हैं. सराय उस जगह को कहा जाता है कि जहां लोग रुककर कुछ देर आराम करते हैं. काले खां शेर शाह सूरी के समय थे. उनकी मजार भी इंदिरा गांधी एयरपोर्ट क्षेत्र में है.  इसके अलावा औरंगजेब के समय में भी एक काले खां हुए. वे औरंगजेब के प्रमुख सेनापति थे. उन्होंने औरंगजेब के साथ कई जंगों में भी हिस्सा लिया. 

बिरसा मुंडा के जीवन से प्रभावित होंगे लोग- मनोहरलाल खट्टर
खट्टर ने कहा, 'मैं आज घोषणा कर रहा हूं कि यहां आईएसबीटी बस स्टैंड के बाहर बड़े चौक को भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा. इस प्रतिमा और उस चौक का नाम देखकर न केवल दिल्ली के नागरिक बल्कि आईएसबीटी पर आने वाले लोग भी निश्चित रूप से उनके जीवन से प्रेरित होंगे.'

न्यूज एजेंसी  PTI ने शाह के हवाले से कहा, 'बिरसा मुंडा ने अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करते समय धर्म परिवर्तन के खिलाफ आवाज उठाई थी. 1875 में माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करते समय उन्होंने धर्म परिवर्तन के खिलाफ आवाज उठाई थी. जब पूरा देश और दुनिया के दो तिहाई हिस्से पर अंग्रेजों का शासन था, उस समय उन्होंने धर्म परिवर्तन के खिलाफ खड़े होने का साहस दिखाया.'


यह भी पढ़ें - Delhi Crime News: तीन दरिंदों ने दिया खौफनाक वारदात को अंजाम, महिला के साथ रेप कर सराय काले खां में फेंका, अब हुआ खुलासा


 

कौन थे बिरसा मुंडा
बता दें, 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाती है. इस दिन को आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का सम्मान करने के लिए 'जनजातीय गौरव दिवस' ​​के रूप में मनाया जाता है. बिरसा मुंडा, जिन्हें अक्सर 'धरती आबा' (पृथ्वी का पिता) कहा जाता है, एक प्रमुख नेता थे जिन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ 'उलगुलान' या मुंडा विद्रोह की शुरुआत की थी. 

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.


 

Url Title
Who was Kale Khan after whom Sarai Kale Khan Chowk is famous which has now been renamed birsa munda
Short Title
कौन थे काले खां, जिनके नाम पर फेमस है सराय काले खां चौक, जिसका अब नाम बदला गया
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
काले खां
Date updated
Date published
Home Title

कौन थे काले खां, जिनके नाम पर फेमस है सराय काले खां चौक, जिसका अब नाम बदला गया

Word Count
493
Author Type
Author