डीएनए हिंदी: दुनिया के कई देशों में कोरोना के मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी होने लगी है. इस बार कोरोना का नया सब-वेरिएंट जेएन.1 चिंता का सबब बना हुआ है. भारत के केरल राज्य में इस वेरिएंट का पहला मामला सामने आ चुका है. केरल के साथ-साथ कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. भारत सरकार ने अलग-अलग राज्यों को कोरोना को लेकर एहतियात बरतने की एडवाइजरी जारी की है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना का नया सब-वैरिएंट जेएन.1 (JN.1) 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के तौर पर वर्गीकृत किया है. यह भी कहा गया कि इससे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर जेएन.1 से उत्पन्न अतिरिक्त वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में कम माना गया है. इसके साथ कहा गया कि मौजूदा टीके जेएन.1 और कोविड-19 वायरस के अन्य सर्कुलेटिंग वैरिएंट्स से होनी वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से रक्षा करते हैं. WHO ने यह भी कहा है कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं है. JN.1 को पहले इसके मूल वंश BA.2.86 के एक भाग के रूप में वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया गया था. वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत करने के बाद अब वैज्ञानिक इसकी निगरानी करेंगे. वह देखेंगे कि यह कितना तेजी से फैलता है?
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इस वायरस पर मौजूदा टीके कितने कारगर?
WHO ने कहा कि मौजूदा टीके JN.1 और कोविड-19 वायरस के अन्य वेरिएंट से होने वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से रक्षा करने में सक्षम हैं. WHO ने बताया कि वायरस तेजी से बदल रहा है और विकसित हो रहा है. ऐसे में WHO ने सदस्य देशों से मजबूत निगरानी और सीक्वेंस साझाकरण जारी रखने का आग्रह किया. अब तक अमेरिका, चीन, सिंगापुर, भारत और कुछ यूरोपीय देशों में JN.1 के मामले देखे गए हैं.
कितना खतरनाक है जेएन.1?
JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही एक सब-वैरिएंट है. ये कोविड का नया वैरिएंट नहीं है. सबसे पहले दिसंबर 2022 में लक्जमबर्ग में ये वैरिएंट मिला था. इसके बाद यह दुनिया भर में 40 से अधिक देशों में फैल चुका है. JN.1 उसी पिरोलो वैरिएंट से आया है, जो खुद ओमिक्रॉन वैरिएंट से निकला था. JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन के अन्य सब वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, JN.1 वैरिएंट के एक संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने वाले लोगों के संक्रमित होने की संभावना अन्य ओमिक्रॉन उप-वैरिएंट के मामले में 1.2 गुना अधिक है. शुरुआती जांच से पता चला है कि इस वैरिएंट से बीमार होने वाले लोग ऑमिक्रॉन की तुलना में ज्यादा गंभीर नहीं हैं.
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भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं कोविड के मामले
दुनिया के कई देशों की तरह भारत में भी कोरोना के मामल बढ़ने लगे हैं. यहां केरल में बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 115 नए मामले सामने आए, जिससे राज्य में कोरोना के कुल सक्रिय मरीज यानी इलाज करा रहे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,749 हो गई है. बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को कहा कि संक्रमण के मामलों में वृद्धि को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है. केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है.
केंद्र ने राज्य सरकारों के दिए ऐसे आदेश
चीन, सिंगापुर, इंडोनेशिया, फिलीपींस और मलेशिया में कोविड के मामले बढ़े हैं. केरल में मामले आने के बाद पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक की चिंता बढ़ गई है. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों से सख्त कदम उठाने के आदेश दिए हैं. कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘जेएन.1’ के पहला मामला सामने आने के बाद केंद्र ने राज्यों से आवश्यक कदम उठाने को कहा है.
भारत में आया JN.1 वैरिएंट का पहला मामला
इससे पहले भारत में ‘जेएन.1’ का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल निवासी 78 वर्षीय एक महिला से लिए गए नमूने में पाया गया था. उन्हें हल्के लक्षण थे. इससे पहले तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का एक यात्री सिंगापुर में ‘जेएन.1’ स्वरूप से संक्रमित पाया गया था. इससे लेकर सरकार ने सोमवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हालात की निगरानी करने को कहा है. एक्सपर्ट बताते हैं कि अभी JN.1 के लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं है और इससे ज्यादा खतरा नहीं है लेकिन आने वाले समय में इसके और म्यूटेशन देखने को मिलेंगे. कहा जा रहा है कि कोविड केस की रफ्तार भी धीमी है. वहीं मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं करना पड़ रहा है.
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नए कोरोना वेरिएंट से घबराया WHO, कर दिया अब ऐसा काम