कांग्रेस पार्टी को एक समय पर राजनीति की रणनीति के मामले में बाकियों से बेहतर बताया जाता था. इसी के दम पर कांग्रेस (Congress) ने देश की सत्ता पर कई दशकों तक शासन भी किया. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव से पहले कुछ ना कुछ ऐसे बयान आते हैं, जिससे बीजेपी को उन पर भरपूर पलटवार करने का मौका मिल जाता है. राजनीति तो वैसे भी मौके पर चौका लगाने का खेल माना जाता है. कांग्रेस इसका पूरा मौका देती है.
अब आप राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को ही ले लीजिए. राहुल 14 जनवरी से भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले हैं. उत्तर पूर्व के राज्यों में यात्रा पूरी करने के बाद पिछले तीन दिनों से वो ओडिशा में हैं. ओडिशा ऐसा राज्य है जहां नवीन पटनायक की बीजू जनता दल की सरकार है. नवीन पटनायक फिलहाल ना INDI गठबंधन में है, ना ही वो NDA में हैं. राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के जरिए ओडिशा में अपनी पार्टी की पैठ बनाने की कोशिश में निकले हुए हैं. अब ये तो 2024 का चुनाव परिणाम बताएंगे कि ओडिशा में राहुल की यात्रा का कितना लाभ हुआ है. लेकिन उससे पहले राहुल ने एक ऐसा बयान दे दिया जिसने कांग्रेस पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है.
ओडिशा के झारसुगुड़ा में जनसभा को संबोधित कर रहे राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर उन पर राजनीतिक हमले किए. देश के लोग जानते हैं कि जाति की जहां तक बात है तो प्रधानमंत्री OBC समुदाय से आते हैं. लेकिन वो कई बार ये बात कह चुके हैं कि देश में केवल 4 ही जातियां हैं, जिनके हित में काम करने की जरूरत है. - पीएम मोदी गुजरात के मोढ़-घांची जाति से आते हैं.
मोढ-घांची जाति यूपी और बिहार जैसे राज्यों में तेली जाति के नाम से जानी जाती है. घांची समुदाय के लोग मोढेरा के सूर्य मंदिर के इलाके में बसे थे. इसके बाद उन्हें मोढ-घांची कहा गया. घांची समुदाय को 90 के दशक में सबसे पहले गुजरात में ओबीसी या अन्य पिछड़े वर्ग में शामिल किया गया था. सर्वे के दौरान मंडल कमीशन ने पहले इस जाति की खराब स्थिति के बारे में जाना था. उसके बाद इन्हें ओबीसी मे लाने का फैसला किया गया.
घांची जाति को किस सरकार में मिला OBC का दर्जा?
- वर्ष 1955 में काका कालेकर कमेटी ने घांची जाति को ओबीसी में शामिल करने की सिफारिश की थी.
- साल 1994 में मोढ़ घांची जाति को गुजरात में OBC में शामिल किया गया.
- जिस वक्त ये कदम उठाया गया था उस वक्त गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी.
- 17 फरवरी 1994 से लेकर 13 मार्च 1995 तक गुजरात में कांग्रेस नेता छबील दास मेहता मुख्यमंत्री थे.
- घांची जाति को ओबीसी की सूची शामिल करने के दौरान गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी.
राज्यसभा सांसद नरहरी अमीन ने एक्स पर पोस्ट कर राहुल गांधी पर सवाल उठाए. उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'जब 25 जुलाई 1994 को मोढ धांची जाति को OBC में शामिल किया गया है, उस वक्त वो गुजरात की कांग्रेस सरकार में उप मुख्यमंत्री थे.' राहुल गांधी का यह बयान इन तथ्यों और बयानों से पूरी तरह से भ्रामक लगता है. अब हम आपको गुजरात सरकार के समाज कल्याण विभाग का वो आधिकारिक पत्र दिखाते हैं. जिसमें गुजरात की उन जातियों का जिक्र है, जिन्हें पिछड़ी जाति में शामिल किया गया था.
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