डीएनए हिंदी: हमारा देश भारत तेजी से डिजिटल हो रहा है. डिजिटलाइजेशन के इस दौर में बहुत बड़ी संख्या में लोग सिर्फ डिजिटल माध्यम के जरिए ही लेन-देन करना पसंद करते हैं. हालांकि लगातार बढ़ते डिजिटल लेनदेन के साथ धोखाधड़ी भी बढ़ गई है. आजकल फ्रॉड करने वाले व्हाट्सएप के जरिए भी लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं. स्कैमर्स अक्सर लोगों से QR कोड और अन्य धोखाधड़ी वाले तरीकों से रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं. आजकल WhatsApp लिंक के जरिए भी स्कैम के मामले काफी बढ़ गए हैं. हाल ही में एक रिटायर्टड टीचर के साथ व्हाट्सएप के जरिए स्कैम का मामला सामने आया है.
रिटायर्ड टीचर ने जैसे ही व्हाट्सएप पर मिले एक लिंक को टैप किया, उसे 21 लाख रुपये का नुकसान हो गया. यह घटना आंध्र प्रदेश के अन्नामय्या जिले में मदनपल्ले कस्बे के रेडेपनायडु कॉलोनी निवासी टीचर के साथ हुई. महिला टीचर ने साइबर फ्रॉड से जुड़ी सारी जानकारी पुलिस से साझा की. उसने बताया कि उसे लगातार मैसेज आ रहे थे कि 'पैसे कट गए हैं'. इसलिए उसने बैंक अधिकारियों से संपर्क किया, तब उसे पता चला कि उसका खाता हैक कर सारे रुपये निकाल लिए गए हैं. इसके बाद महिला टीचर ने 20 अगस्त को इस मामले की शिकायत साइबर पुलिस से की.
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पुलिस के मुताबिक, यूजर का बैंक अकाउंट हैक करने के लिए व्हाट्सएप लिंक शेयर करना आजकल एक आम स्कैम हो गया है. टू टाउन सर्कल इंस्पेक्टर ने बताया कि साइबर अपराधी पैसे निकालने के लिए कई व्हाट्सएप नंबरों पर लिंक भेज रहे हैं. इस तरह की एक अन्य घटना के बारे में जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "साइबर अपराधियों ने हाल ही में मदनपल्ले के एक सॉफ्टवेयर कर्मचारी ज्ञानप्रकाश के खाते से ₹12 लाख चुरा लिए. घटना को लेकर शुक्रवार को टू टाउन पुलिस ने मामला दर्ज किया था. अगले ही दिन शिकायत मिली कि 21 लाख रुपये चोरी हो गए हैं."
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आपको बता दें कि हाल ही में हरियाणा पुलिस की अपराध शाखा ने पंचकूला में एक गेमिंग फर्म से कथित रूप से चोरी किए गए धन के माध्यम से शुरू किए गए 30 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन को प्रतिबंधित कर दिया था. एक ऐप यूजर द्वारा 35 लाख रुपये की ठगी करने के बाद फर्म के COO ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी. राज्य अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 14 अगस्त को कंपनी की खाता रिपोर्ट तैयार करते समय यह पाया गया कि 11 अगस्त को एक यूजर के वॉलेट में ₹ 35 लाख की अनधिकृत जमा की गई थी. इस राशि को यूजर ने 12 अगस्त और 13 अगस्त को my wallet से मेरे my personal account में ट्रांसफर कर लिया था.
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लेन-देन का पता चलने के तुरंत बाद कोऑर्डिनेटर ने यूजर से बात की, जिसने निकाले गए रुपये का भुगतान करने से इनकार कर दिया. उन्होंने आगे बताया कि धोखाधड़ी का पता चलने के बाद 1930 साइबर हेल्पलाइन पर एक शिकायत की गई थी. 1930 को 'गोल्डन ऑवर्स' में पीड़ित द्वारा तत्काल जानकारी प्रदान करने के परिणामस्वरूप लेनदेन को फ्रीज करके धोखाधड़ी की राशि प्राप्त की गई. उन्होंने बताया कि इस संबंध में साइबर थाना पंचकूला में मामले की जांच की जा रही है.
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सावधान! WhatsApp के जरिए आपके साथ हो सकता है स्कैम, रिटायर्ड टीचर को लगा 21 लाख का चूना