डीएनए हिंदी: रोहतक जेल से पैरोल पर बागपत आश्रम पहुंचे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) ने बुधवार को दूसरा रिकॉर्डेड वीडियो जारी किया. बता दें कि राम रहीम का बीते 5 दिनों में यह दूसरा वीडियो है.
वीडियो में वह रोहतक जेल के पहले दिन का किस्सा सुनाते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा, 'संगत ध्यान न दिया करें. जब मैं पहले दिन जेल में गया तो बड़ी अजीब बात हुई. कैदी बोले कि फिल्मों में तो बाबा कुछ और दिखता था, यह बाबा तो डुप्लीकेट आ गया. उन्होंने मेरी दाढ़ी को लेकर सवाल किए और मैंने बड़ी मुश्किल से कैदियों को यकीन दिलाया.'
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे 4 दिन हो गए हैं. यहां हम खेल भी खेल लेते हैं. यहां बाग में आम के पेड़ भी हैं लेकिन इनके आम इसलिए कम हो रहे हैं क्योंकि यहां बंदर बहुत आ रहे हैं. बंदर आम तोड़ कर ले जाते हैं. फादर्स डे पर हमने शेरो-शायरी सुनाई थी. आपको पंसद आई, अच्छा लगा. बड़ी खुशी हुई, भगवान की कृपा चल रही है. सेवादार मिलने आ रहे हैं, बड़ी खुशी होती है. बादल दूर से नजर आ रहे हैं. रामजी ने सुनी है. भगवान हमेशा सुनता रहेगा. आप कब से कह रहे थे कि दर्शन दीजिए. भगवान ने सुनी है और आगे भी सुनता रहेगा. आपको कैसे बताएं, सच्चे पातशाह ने इतने रहमोकरम किए हैं. करने वाला शाह सतनाम शाह मस्ताना दाता है. हम तो चौकीदार हैं. हमारे सुनारिया जेल जाने के बाद आप लोगों ने बहुत नाम सिमरन किया.'
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बता दें कि जेल में रहकर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने अपना वजन 20 किलो कम कर लिया है. जब उन्हें सजा सुनाई गई थी तो उनका वजन 104 किलो था और अब यह घटकर 84 किलो हो गया है. जेल मैनुअल के अनुसार, उनका रोजाना श्रम और साधारण भोजन इसके लिए जिम्मेदार हैं. जेल में राम रहीम को रोटी, दाल और कभी-कभी मिठाई दी जाती थी, जिसकी वजह से वो पहले की तुलना में दुबले दिखने लगे हैं.
जेल में उन्हें खेत जोतने और पौधों में पानी देने का काम दिया गया था. इसके अलावा हाई प्रोफाइल कैदी होने के कारण 51 साल के राम रहीम को 10 गुणा 12 फीट साइज की स्पेशल सेल मुहैया कराई गई थी जिसे वो तीन अन्य नंबरदारों के साथ साझा करते थे. उनके सेल के बाहर बहुस्तरीय सुरक्षा है, ताकि कोई अन्य कैदी या विचाराधीन कैदी उनसे घुल मिल नहीं सके.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, राम रहीम को जेल की जिंदगी में खुद को ढालने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन अब फिर वह धीरे-धीरे वहां के माहौल में ढल गए थे. जब गर्मियां शुरू हुईं तो उनके स्पेशल सेल के लिए कूलर की मांग की गईं लेकिन हरियाणा जेल मैनुअल के मानदंडों के कारण इसे मंजूरी नहीं मिली.
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जेल में नियमित कैदियों और उनके प्रोफाइल के अनुसार, उन्हें रविवार और सरकारी छुट्टियों को छोड़कर बागवानी का काम करना होता था. इसके एवज में उन्हें प्रतिदिन 20 रुपये दिए जाते थे. जेल में राम रहीम सुबह 6 बजे उठते थे, उन्हें चाय दी जाती थी. फिर वे कुछ कसरत और पूजा करते थे. इसके बाद नाश्ते में सुबह 8 बजे उन्हें पावरोटी और मौसमी फल दिए जाते थे. तब मौसम के अनुसार उन्हें अपने कक्ष से बाहर काम करने की अनुमति दी जाती थी.
दोपहर एक बजे तक वो काम करते थे. उसके बाद उन्हें रोटी और दाल दी जाती थी. फिर उन्हें शाम 5 बजे तक अपने सेल में ही आराम करने को कहा जाता था. शाम को कैदियों को एक दूसरे से मिलने की अनुमति होती थी लेकिन राम रहीम किताबों में समय बिताते या कविता लिखने में तल्लीन रहते थे.
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जेल से पैरोल मिलने के बाद अब क्या कर रहे हैं Ram Rahim?