देश में होने वाले किसी भी चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता (Election Code Of Conduct) लागू होती है. हर चुनाव से पहले आपने इस शब्द को सुना होगा. लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी. ओडिशा, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान शनिवार को किया जाएगा. चुनाव आयोग ने दोपहर 3 बजे तारीखों के ऐलान की घोषणा की है.
देश भर में चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू होगी. मतगणना और नतीजों की घोषणा के बाद चुनाव आचार संहिता खत्म हो जाएगी. जानें क्या होता है इलेक्शन कोड ऑफ कंडक्ट.
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Election Code Of Conduct के तहत होते हैं कई नियम
आदर्श आचार संहिता को देश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की सहमति और विचार-विमर्श के बाद तय किया गया है. एक बार आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार के मंत्रियों या सरकारी अधिकारियों के हर तरह के वित्तीय अनुदान की घोषणा लागू करने पर रोक लग जाती है.
साथ ही, सरकार आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी परियोजना की घोषणा नहीं कर सकती है. इसके पीछे सोच है कि परियोजनाओं और वित्तीय अनुदान के जरिए सत्ताधारी पार्टी मतदाताओं की सोच को इससे प्रभावित कर सकती है. इसके अलावा भी कुछ नियम लागू रहते हैं जिसका पालन नहीं करने पर विपक्षी दल या कोई आम मतदाता भी चुनाव आयोग से शिकायत कर सकता है.
लागू होते हैं ये नियम
-चुनाव प्रचार के लिए न तो कोई मंत्री और न ही सांसद/विधायक सरकारी मशीनरी, वाहन आदि का उपयोग कर सकते हैं.
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-चुनाव प्रचार के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल किसी पार्टी या नेता को इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है. चुनाव प्रचार के लिए सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता है.
-मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष किसी भी तरह से न तो पैसे या न कोई और उपहार बांटा जा सकता है.
-किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि करने पर रोक लग जाती है.
-कोई भी चुनावी रैली, जनसभा, रोड शो आदि करने से पहले पुलिस और प्रशासन से अनुमति लेनी जरूरी है.
-किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जा सकते हैं और न ही धर्म, जाति, संप्रदाय, लिंग आदि के आधार पर भड़काऊ, आपत्तिजनक बयान दिए जा सकते हैं.
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आज से चुनाव आचार संहिता लागू, जानें इससे जुड़े हर सवाल का जवाब