डीएनए हिंदी: दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के राज्यों में बारिश की गतिविधियों में कमी दर्ज की गई है. उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत तमाम राज्यों में मानसून की बारिश पर ब्रेक लग गया है. हालांकि, मौसम विभाग ने कहा कि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के सुदूर इलाकों में दबाव बढ़ने से अगले तीन से चार दिनों में बारिश होने की आशंका है. IMD की मानें तो इन राज्यों में 8 सितंबर के बाद बारिश का दौर शुरू हो सकता है.
वहीं, मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में आज हल्की बारिश का संभावना जताई है. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी आज बारिश हो सकती है. दक्षिणी छत्तीसगढ़ में भी चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. आईएमडी के अनुसार अगले 24 घंटों में अंडमान-निकोबार, ओडिशा, दक्षिणी छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में सोमवार को बारिश होगी.
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दिल्ली में उमस से हारत नहीं
दिल्ली-NCR की बात करें तो अभी यहां लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. अगले कुछ दिन लोगों को उमस से दो-चार होना पड़ सकता है. मौसम विभाग के अनुसार, मानसून ट्रफ हिमालय की तलहटी के करीब चल रहा है. चक्रवाती हवाएं पूर्वोत्तर और पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के आसपास चल रही हैं. यह चक्रवाती क्षेत्र भारत के मध्य-क्षोभमंडल स्तर तक फैला है. राजधानी में 6-7 अगस्त के बाद बादल बरसने का अनुमान है.
मध्य प्रदेश में सूखे के हालात
मध्य प्रदेश में मानसून की अच्छी बारिश न होने से राज्य में सूखे के हालात बनने लगे हैं, अब तो इस पर सियासत भी तेज हो हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां मौजूदा हालात को 50 साल के सबसे बुरे हालात का हवाला दिया तो कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने इसे चालबाजी करार दिया है. राज्य में बारिश कम होने से बांधों में पानी कम है, फसलों को भी पानी कम मिला है, लिहाजा अब बिजली की मांग बढ़ने की बात कही जा रही है.
सीएम शिवराज सिंह चैहान ने कहा, 'हम सभी भगवान से प्रार्थना करें कि बारिश कर दें। मैं रातभर परेशान रहा, क्योंकि पूरा अगस्त का महीना सूखा गया. सूखे के कारण बांध भी पूरे नहीं भरे और बिजली की डिमांड भी एकदम बढ़ी, क्योंकि फसलें अगर बचाना है तो पानी देना जरूरी है. आज तक कभी ऐसी डिमांड नहीं आई. हम अपनी तरफ से भरसक कोशिश कर रहे हैं कि चीजें ठीक रहे, लेकिन यह संकट की स्थिति है. 50 साल में सूखे का ऐसा संकट कभी नहीं आया. अभी भादौ चल रहा है. मैं भी भगवान से प्रार्थना करूंगा, आप भी प्रार्थना करें कि एक बार बारिश जरूर हो जाए. ताकि हम फसलें बचा सकें और बाकी व्यवस्थाएं भी ठीक चलती रहें.'
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कांग्रेस ने शिवराज को घेरा
इस पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, 'प्रदेश में इस बार भीषण सूखे की स्थिति बन रही है. प्रदेश के अधिकांश हिस्से में कम वर्षा हुई है. जलाशयों में पानी पूरी तरह से नहीं भर पाया है. फसलें सूख रही हैं। प्रदेश के अधिकांश किसान इससे सीधे प्रभावित हो रहे हैं. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वह उत्सव मोड से बाहर आएं और तत्काल सर्वे कार्य शुरू कर किसानों को राहत देने की व्यवस्था शुरू करें.'उन्होंने आगे कहा, कल मुख्यमंत्री का जो बयान सामने आया, वह चुनौती का सामना करने से अधिक 'आपदा को अवसर में बदलने' की चालबाजी जैसा प्रतीत होता है. (PTI इनपुट के साथ)
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