दिल्ली पुलिस ने रविवार को लद्दाख भवन के बाहर से कई लोगों को हिरासत में लिया. यहां जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक 6 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का नेतृत्व कर रहे हैं. वे लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं. एक प्रदर्शनकारी के अनुसार, हिरासत में लिए गए लोगों को मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया है.

लोकतंत्र के लिए दुखद - वांगचुक
पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) देवेश महला ने बताया कि हमने लद्दाख भवन के बाहर से कुछ छात्रों को हिरासत में लिया है. सोनम वांगचुक उनमें शामिल नहीं हैं. इसी बीच लद्दाख कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि आज सुबह हम लद्दाख भवन के बाहर मौन व्रत शुरू करने वाले थे. इसमें भाग लेने के लिए बहुत सारे लोग यहां इकट्ठा हो रहे थे, हमने कहा था कि हम कोई नारेबाजी नहीं करेंगे और केवल मौन व्रत रखेंगे, फिर भी लोगों को बलपूर्वक हटा दिया गया. यह दुखद था, न केवल हमारे लिए बल्कि लोकतंत्र के लिए भी. हमें आज भारत के लिए दुख हो रहा है.'

पुलिस ने दिया धारा 163 का हवाला
उन्होंने आगे कहा कि हमें बताया गया है कि यहां धारा 163 लागू की गई है. यह दुखद है कि लोकतंत्र की जननी पर पूरे साल इस तरह का प्रतिबंध लगा रहता है. यह धारा आमतौर पर अस्थायी रूप से तभी लागू की जाती है, जब कानून-व्यवस्था बाधित होने की संभावना होती है. यह हमारे लोकतंत्र पर एक धब्बा है, और अदालतों को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए. ऐसी धाराएं स्थायी रूप से कैसे लगाई जा सकती हैं.  

कुछ प्रदर्शनकारी हिरासत में
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को लद्दाख भवन के बाहर बैठने की अनुमति नहीं थी, जहां बीएनएसएस की धारा 163 लागू है. उन्होंने कहा कि उन्होंने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए आवेदन दायर किया है. अधिकारी ने आगे कहा कि हमने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, जिन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा.


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क्या है वांगचुक की मांग
लेह से दिल्ली तक मार्च करने वाले वांगचुक और उनके समर्थकों को 30 सितंबर को सिंघू सीमा पर दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था, जिसके बाद उन्हें 2 अक्टूबर को रिहा कर दिया गया. समूह अपनी मांगों पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक की मांग कर रहा है. वांगचूक लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने, लद्दाख के लिए एक लोक सेवा आयोग और लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. 

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We will not raise slogans yet we are forcibly detained Sonam Wangchuk detention of protesters in Delhi
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दिल्ली में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिए जाने पर Sonam Wangchuk के बोल
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'हम मौन व्रत रखेंगे, फिर भी हमें जबरन..., दिल्ली में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिए जाने पर Sonam Wangchuk के बोल

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