रविवार को ग्वालियर स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने किसानों के हित में दो प्रमुख योजनाओं, पीएम-किसान योजना और उर्वरक सब्सिडी को लेकर अहम सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं में सुधार की जरूरत है ताकि किसानों को वास्तविक लाभ मिल सके. धनकड़ ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी जा रही ₹6,000 की वार्षिक सहायता को महंगाई से जोड़ने की मांग की. उन्होंने कहा कि जिस तरह जनप्रतिनिधियों के वेतन में महंगाई को ध्यान में रखकर संशोधन होता है, उसी तरह किसानों की सहायता राशि में भी बदलाव होना चाहिए. उनका मानना है कि आज की महंगाई में ₹6,000 की शक्ति वैसी नहीं रही जैसी पहले थी.
उर्वरक सब्सिडी के वितरण को लेकर भी चिंता
उपराष्ट्रपति ने दूसरी चिंता उर्वरक सब्सिडी के वितरण को लेकर जताई. उन्होंने कहा कि सरकार इस पर भारी खर्च करती है लेकिन किसान को इसका प्रत्यक्ष लाभ नहीं मिल पाता. उन्होंने सुझाव दिया कि अमेरिका की तरह भारत में भी यह सहायता सीधे किसानों को डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से दी जानी चाहिए. अगर ऐसा किया जाए, तो हर किसान परिवार को सालाना ₹30,000 तक मिल सकते हैं.
उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके
उन्होंने यह भी कहा कि केवल उत्पादन करने से किसान का जीवन नहीं सुधरेगा. किसानों को कृषि उद्यमी बनना होगा और उत्पाद के व्यापार तथा बिक्री में खुद भाग लेना होगा. मूल्य संवर्धन (Value Addition) की प्रक्रिया में किसान की भागीदारी जरूरी है ताकि उसे अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके.
किसान को जो भी सहायता मिले, inflation connected होना चाहिए।₹6000 प्रति वर्ष, अब भी ₹6000 हैं, कोई भी अर्थशास्त्री कहेगा कि ₹6000 की जो कीमत शुरू की गई थी, वह कीमत आज उसकी नहीं है। प्रधानमंत्री जी ने अर्थव्यवस्था में इसको factor किया है, inflation को विधायकों की तनख्वाह में… pic.twitter.com/KpQwpU1CCE
— Vice-President of India (@VPIndia) May 4, 2025
यह भी पढ़ें: 'भारत को दोस्त चाहिए, उपदेशक नहीं', विदेश मंत्री जयशंकर की यूरोप को दो टूक
किसानों के मुद्दों पर बातचीत ही लोकतंत्र की असली पहचान
धनकड़ ने छात्रों को भी गांव स्तर पर कृषि में सहयोग देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि फसल कटाई के बाद प्रबंधन और गोदामों व कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था सहकारी समितियों के जरिए होनी चाहिए. इससे न केवल किसानों को लाभ होगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे. उपराष्ट्रपति ने सरकार की संवाद प्रक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि किसानों के मुद्दों पर बातचीत ही लोकतंत्र की असली पहचान है.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़ें.
- Log in to post comments

Jagdeep Dhankhar
उपराष्ट्रपति धनकड़ ने भारत सरकार के इन दो योजनाओं पर व्यक्त की अपनी चिंता, बोले सुधार की जरूरत