डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली में 'वीर बाल दिवस' (Veer Bal Diwas) मनाया गया. मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए और गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) को याद किया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह छोटे साहिबजादों के बलिदान को नमन किया. पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि औरंगजेब तलवार का जोर दिखाकर गुरु गोबिंद सिंह के बच्चों का धर्म बदलना चाहता था. उन्होंने कहा कि इतिहास के नाम पर हमें कुछ चुनिंदा हिस्से पढ़ाए गए जिसने हमें हीन भावना से भर दिया.
पीएम मोदी ने साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए कहा, "उस दौर की कल्पना करिए! औरंगजेब के आतंक के खिलाफ, भारत को बदलने के उसके मंसूबों के खिलाफ, गुरु गोविंद सिंह जी पहाड़ की तरह खड़े थे. जोरावर सिंह साहब और फतेह सिंह साहब जैसे कम उम्र के बालकों से औरंगजेब और उसकी सल्तनत की क्या दुश्मनी हो सकती थी? वो दीवार में जिंदा चुन गए, लेकिन उन्होंने उन आततायी मंसूबों को हमेशा के लिए दफन कर दिया. भारत के वो बेटे, वो वीर बालक, मौत से भी नहीं घबराए. साहिबजादों ने इतना बड़ा बलिदान और त्याग किया, अपना जीवन न्यौछावर कर दिया लेकिन इतनी बड़ी 'शौर्यगाथा' को भुला दिया गया. लेकिन अब 'नया भारत' दशकों पहले हुई एक पुरानी भूल को सुधार रहा है."
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Sahibzaades are inspiring generations. A country that has such history should be filled with confidence but unfortunately, in the name of history we were taught only certain narratives which leads to an inferiority complex: PM Modi pic.twitter.com/Hm61Yd2UN0
— ANI (@ANI) December 26, 2022
क्यों मनाया जा रहा है वीर बाल दिवस?
गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी के असाधारण साहस और बलिदान को याद करते हुए भारत सरकार 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' मना रही है. आपको बता दें कि 9 जनवरी 2022 को श्री गुरु गोबिन्द सिंह के प्रकाश परब पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐलान किया था कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. आज ही के दिन गुरु गोबिन्द सिंह के बेटों साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह और साहिबजादा बाबा फतेह सिंह ने बलिदान दिया था.
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आज ही स्वतंत्रता सेनानी शहीद उधम सिंह की भी जयंती है. इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उनके बलिदान को याद कर नमन किया. अमित शाह ने उधम सिंह को याद करते हुए लिखा कि अदम्य साहस और शौर्य के परिचायक सरदार उधम सिंह की जयंती पर उन्हें नमन करता हूं. स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेकर उन्होंने साहस और बलिदान का नया अध्याय लिखा. उनके पराक्रम पर देश सदा गौरव करता रहेगा.
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वीर बाल दिवस क्यों मनाया जा रहा है, मासूम साहिबजादों पर कैसे हुआ था जुल्म, पढ़िए पूरी कहानी