डीएनए हिंदी: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन आखिरी पड़ाव पर है. अधिकारियों का कहना है कि फाइप और मजदूरों की बीच महज 9 से 10 मीटर की दूरी बची है. टनल में फंसे मजूदरों को एक बड़े पाइप के जरिए एक-एक कर पहिए वाले स्ट्रेचर से बाहर निकाला जाएगा. इस स्ट्रेचर में लंबी रस्सी बंदी होगी. इसकी एक डेमो वीडियो सामने आया है जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला जाएगा.
डेमो के दौरान एनडीआरएफ का एक कर्मी रस्सी से बंधे पहिये वाले एक स्ट्रेचर को धकेलते हुए मार्ग से गुजरा और दूसरे छोर पर पहुंचने के बाद उसे वापस खींच लिया गया. पिछले 12 दिनों से अंदर फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए सुरंग में मलबे के बीच से 800 मिलीमीटर व्यास वाले स्टील पाइप का उपयोग करके एक रास्ता बनाया जा रहा है. एनडीआरएफ का एक कर्मी तैयार किए गए रास्ते में गया. वह पहिए वाले स्ट्रेचर पर नीचे की ओर मुंह करके लेटकर अंदर गया.
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14 मीटर की करनी पड़ेगी ड्रिलिंग
उन्होंने बताया कि इस दौरान पाया गया कि पाइप के अंदर पर्याप्त जगह है और कर्मी को सांस लेने में कोई कठिनाई महसूस नहीं हुई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बचाव कार्यों पर नजर रखने के लिए गुरुवार से मातली में ही मौजूद हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय का एक अस्थायी शिविर वहां स्थापित किया गया है ताकि वह अपने रोजाना के कामकाजों को भी पूरा कर सकें. सुरंग में ड्रिलिंग और मलबे के बीच से पाइपों को डालने का काम अभी तक फिर से शुरू नहीं किया गया है. बचावकर्मियों को दूसरी तरफ फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए मलबे के बीच से 12-14 मीटर और ड्रिलिंग करनी पड़ेगी.
#WATCH | | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue: NDRF demonstrates the movement of wheeled stretchers through the pipeline, for the rescue of 41 workers trapped inside the Silkyara Tunnel once the horizontal pipe reaches the other side. pic.twitter.com/mQcvtmYjnk
— ANI (@ANI) November 24, 2023
ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म को किया गया ठीक
सिल्कयारा सुरंग बचाव पर अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क और परिवहन महमूद अहमद ने कहा कि बरमा ड्रिलिंग मशीन को फिर से जोड़ दिया गया है. वेल्डिंग के बाद एक नया पाइप डाला जाएगा, जिसकी प्रक्रिया में दो घंटे लगेंगे. दो घंटे के बाद हम पाइप को अंदर धकेलेंगे(सुरंग के अंदर). मुझे आशा है कि हमें किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा.अधिकारी ने बताया कि ऑगर मशीन के नीचे बने प्लेटफार्म में दिख रही दरारों को ठीक कर लिया गया है.
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स्ट्रेचर, लंबी रस्सी, सुरंग में फंसे मजदूरों को इस तरह निकाला जाएगा बाहर