डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में पांच दिन से फंसे हुए 40 मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. गुरुवार रात 10:30 बजे तक 60-70 मीटर तक फैले मलबे में से 18 मीटर टनल बन चुकी थी. रेस्क्यू के लिए हैवी ऑगर मशीन सेना के हरक्युलिस प्लेन के जरिए दिल्ली से उत्तराखंड लाई गई थी. मजदूरों के रेस्क्यू के लिए नॉर्वे और थाईलैंड की रेस्क्यू टीमों से भी सलाह ली जा रही है. इस बीच केंद्रीय मंत्री वीके सिंह गुरुवार को टनल के अंदर जायजा लेने पहुंचे. केंद्रीय मंत्री के अनुसार रेस्क्यू में 2 से 3 दिन और लग सकते हैं.
यह टनल ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है. निर्माण के दौरान सुरंग में रविवार (14 नवंबर, 2023) 40 मजदूर फंस गए 5 दिनों से ये मजदूर वहीं फंसे हुए हैं, उन्हें पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन और भोजन पहुंचाया जा रहा है, उन्हें निकाले जाने के लिए कोशिश चल रही है. फंसे हुए मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं.
ये भी पढ़ें: MP-छत्तीसगढ़ में वोटिंग आज, दांव पर लगी दिग्गजों की साख, पढ़ें चुनावी हाल
जायजा लेने पहुंचे वीके सिंह
केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने उत्तरकाशी के सिलक्यारा में साइट पर पहुंचकर निरीक्षण किया और रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी ली. इसके साथ ही उन्होंने हादसे की समीक्षा भी की. उन्होंने कहा कि मजदूर टनल के अंदर 2 किलोमीटर की खाली जगह (बफर जोन) में फंसे हुए हैं. इस गैप में रोशनी है. पाइप के जरिए उन्हें खाना-पानी भेजा जा रहा है. उन्हें निकालने के लिए एक नई मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसकी पावर और स्पीड पुरानी मशीन से बेहतर है. हमारी कोशिश 2-3 दिन में इस रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा करने की है.
रेस्क्यू में क्यों लग रहा है वक़्त
नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम 24 घंटे रेस्क्यू में जुटी है. इसके अलावा थाईलैंड, नार्वे, फिनलैंड समेत कई देशों के एक्सपर्ट से ऑनलाइन सलाह ली जा रही है. बताया जा रहा है कि मलबे की मोटाई पहले 40-50 मीटर थी, लेकिन अब ये 70 मीटर हो गई है इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन में वक्त लग रहा है. बता दें कि सिलक्यारा में मजदूरों का राहत एवं बचाव कार्य जारी है. सुरंग में आए मलबे में जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन के जरिए पहला पाइप डाला जा चुका है. जिसके बाद अब ड्रिलिंग का काम लगातार जारी है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
देश और दुनिया की ख़बर, ख़बर के पीछे का सच, सभी जानकारी लीजिए अपने वॉट्सऐप पर- DNA को फॉलो कीजिए
- Log in to post comments
उत्तरकाशी हादसा: 5 दिन से 40 मजदूर फंसे, जानिए क्यों रेस्क्यू में लगेंगे और 2-3 दिन