डीएनए हिंदी: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए जमकर तैयारियां हो रही हैं. पूरे शहर को भगवामय करने के लिए तैयारियां हो रही हैं. इस आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरी कोशिश हो रही है. कुल 7,000 लोगों को आमंत्रण भेजा गया है जिसमें साधु-संत से लेकर दिग्गज राजनेता, मुख्यमंत्री और क्रिकेट और सिनेमा जैसे क्षेत्रों के चर्चित हस्तियों को शामिल किया गया है. निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि 22 जनवरी को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए निर्माण कार्य तय समय पर पूरे होंगे. अगर आप भी अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए बेकरार हैं लेकिन नियमों की जानकारी नहीं है तो यहां सारी डिटेल जान लें.
रामलला के दर्शन के लिए करना होगा ये सब
अगर आप भी रामलला के दर्शन करना चाहते हैं, तो पहले ही सारी डिटेल सेव कर लें. राम मंदिर में रामलला के दर्शन 30 फुट की दूरी से हो सकेंगे. दर्शन के लिए श्रद्धालु पूरब दिशा से ही प्रवेश कर पाएंगे और फिर सिंह द्वार से आगे बढ़ेंगे. सामने ही रामलला विराजमान होंगे जहां आप दर्शन कर सकेंगे. अगर आप रामलला के दर्शन के साथ ही कुबेर टीला भी जाना चाहते हैं तो उसके लिए उनके पास अनुमति पत्र होना चाहिए. हालांकि, आम लोगों को शुरुआती कुछ दिनों में दर्शन के लिए इंतजार भी करना पड़ सकता है.
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अयोध्या से प्राण प्रतिष्ठा समारोह देख पाएंगे लाइव
आरएसएस, विहिप और तमाम दूसरे संगठनों की ओर से इस आयोजन को यादगार बनाने की कोशिश की जा रही है. अयोध्या में दर्शन के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या काफी सीमित है लेकिन देश के दूर-दराज के हिस्सों में भी इस समारोह को लाइव देख सकेंगे. देश के अलग-अलग हिस्सों में एलईडी स्क्रीन लगाया जाएगा ताकि लोग दर्शन का लुत्फ ले सकें. इसके अलावा, अयोध्या के आसपास के गांवों में मंदिर ट्रस्ट और स्वयंसेवकों की ओर से प्रसाद भी वितरित किया जाएगा.
अंतिम फेज में है समारोह की तैयारियों
अयोध्या के आने वाले कुछ ही महीने में बड़े धार्मिक केंद्र के तौर पर विकसित होने का अनुमान जताया जा रहा है. बड़ी संख्या में लोगों के दर्शन के लिए आने की उम्मीद को देखते हुए शहर में धर्मशालाओं और ट्रस्ट की ओर से रुकने के लिए सराय वगैरह भी बनाए जा रहे हैं. यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का बहुमंजिली भवन लगभग तैयार हो गया है. इसके अलावा, अयोध्या प्रशासन ने मंदिर तक पहुंचने के लिए व्यवस्था दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या को रामनगरी के तौर पर विकसित करने का संकल्प कई बार दोहरा चुके हैं.
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