उत्तर प्रदेश के मथुरा में पुलिस कांस्टेबल भर्ती में एक फर्जीवाड़ा सामने आया है. सिपाही बनने के लिए एक युवक ने अपनी जन्मतिथि के साथ छेड़छाड़ की. लेकिन डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन और फिजिकल टेस्ट के दौरान उसकी उम्र का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया. पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मामले की जांच की जा रही है.
डीसीपी मुख्यालय अली अब्बास ने बताया कि यूपी पुलिस भर्ती में उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और शारीरिक मानक परीक्षा (मेडिकल टेस्ट) के लिए बुलाया था. मथुरा के धर्मपुरा निवासी प्रदीप कुमार भी मेडिकल टेस्ट के लिए पहुंचा था. उसके आवेदन फॉर्म में जन्मतिथि 5 जुलाई 2005 अंकित थी. जब उसका E-KYC कराई गई तो उसमें उसकी डेट ऑफ बर्थ 12 मई 1988 दिखने लगी.
यह देखकर अधिकारियों को अभ्यर्थी पर शक हुआ. उन्होंने तुरंत उससे पूछताछ की और उसके बैग की तलाशी ली. जिसमें एक मोबाइल फोन, अलग-अलग जन्मतिथि के 2 आधार कार्ड और एक पैन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए.
सिपाही भर्ती के लिए बदली जन्मतिथि
पुलिस ने प्रदीप कुमार से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारे राज खोल दिए. उसने बताया कि पुलिस भर्ती के लिए उसने दोबारा हाईस्कूल की. प्रदीप ने वास्तविक जन्मतिथि मई 1998 के साथ साल 2013 में हाईस्कूल पास की थी. लेकिन सिपाही और अन्य भर्तियों के लिए उसकी उम्र निकल गई. इसलिए उसने जन्मतिथी बदलकर 2020 में फिर से 10वीं पास की. इसमें उसने अपनी जन्म तिथि 5 जुलाई 2005 अंकित थी.
पुलिस ने कहा कि बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की वजह से उसका राज खुल गया. अन्यथा वह पकड़ा नहीं जाता. पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया. पुलिस लाइन में तैनात दरोगा नवनीत गौड़ ने युवक के खिलाफ केस दर्ज कराया.
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पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए बदल ली जन्मतिथि... लेकिन बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन से खुल गई पोल