उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को राज्य के विभिन्न जिलों में 17 और 18 फरवरी को हुई पुलिस भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है. योगी सरकार ने छह माह के भीतर पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं. पेपर लीक होने के बाद परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया था. वो सिपाही भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दोबारा कराए जाने की मांग उठा रहे थे. अब सरकार ने परीक्षा निरस्त कर दी है और जांच के आदेश दिए हैं. 5 साल के लंबे इंतजार के बाद यूपी सरकार ने पुलिस भर्ती निकाली थी, ऐसे में 50 लाख युवाओं ने फॉर्म भरा और परीक्षा दी लेकिन परीक्षा रद्द होने की वजह से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को निरस्त करने और आगामी छह माह के अंदर ही फिर परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाले एसटीएफ की रडार पर हैं. अब तक कई बड़ी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. यूपी सीएम और अन्य मंत्री बार-बार एक बात ही दोहरा रहे हैं कि छह माह के भीतर पुन: परीक्षा कराई जाएगी और दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा. यह तो आने वाला समय बताएगा कि छात्रों के जीवन से खिलवाड़ के मामले में कितना सख्त कदम उठाती है.
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क्या दोबारा देनी होगी फीस?
करीब 50 लाख युवाओं ने 4-4 सौ रुपए देकर फॉर्म भरा था और किसी तरह एग्जाम सेंटर पहुंचे थे. 17 और 18 फरवरी को हुई पुलिस भर्ती परीक्षा देने जा रहे युवाओं की भीड़ सबने देखी थी. ट्रेन से लेकर बस तक में अभ्यर्थी किसी तरह भरकर गए थे, ये किसी से छुपा नहीं है, अब दोबारा परीक्षा देने जाने में अभ्यर्थियों को किसी तरह की समस्या नहीं होगी, इसकी गारंटी कौन लेगा? इसके साथ अभ्यर्थियों के मन कई तरह के सवाल हैं, जिनका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है लेकिन जहां तक ये सवाल है कि क्या दोबारा परीक्षा देने पर अभ्यर्थियों फिर से फीस देनी पड़ेगी तो ऐसा नहीं है. जिन अभ्यर्थियों ने 4-4 सौ रुपए देकर फॉर्म भरा था. अब वह बिना फीस भरे दोबारा परीक्षा दे सकेंगे.
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अभ्यर्थियों के आने-जाने का खर्च उठाएगी सरकार
भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले ज़्यादातर छात्र गरीब परिवारों से आते हैं, जो किसी तरह से पैसों का जुगाड़ करके इस उम्मीद से एग्जाम देने आते हैं कि उन्होंने जो दिन रात मेहनत की है, वह अब काम आएगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है. एग्जाम सेंटर से बाहर आने पर जब अभ्यर्थियों को पता चलता है कि पेपर लीक हो गया है तो उनके सामने परेशानियों की दिवार खड़ी हो जाती है. परीक्षा देने वाले 50 लाख छात्रों ने एग्जाम सेंटर तक आने-जाने, ठहरने और खाने-पीने पर जो खर्च किया होगा, अगर उसका अनुमान लगाया जाए तो ये सैकड़ों करोड़ रुपये हो जाता है. सरकार दोबारा परीक्षा कराने के लिए तो तैयार है लेकिन क्या अभ्यर्थियों के आने-जाने का खर्च उठाएगी? न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यूपीएसआरटीसी बसें छात्रों को मुफ्त में केंद्रों तक ले जाएंगी.
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UP Police Exam के लिए क्या दोबारा देनी होगी फीस, जानिए परीक्षा जुड़ें सवालों के जवाब