उत्तर प्रदेश (UP) के वाराणसी (Varanasi) जिले के मदनपुरा क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो संभल (Sambhal) के विवाद से मिलता-जुलता है. यहां मुस्लिम बहुल इलाके में एक शिव मंदिर के बंद होने का दावा किया जा रहा है, जो पिछले दस साल से ताला लटकने के कारण बंद पड़ा है. मंदिर को फिर से खोलने की मांग को लेकर एक पत्र पुलिस प्रशासन को भेजा गया है, जिसके बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. यह मंदिर दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के मदनपुरा इलाके में स्थित है.
मंदिर का इतिहास
मदनपुरा में स्थित यह मंदिर लगभग ढाई सौ साल पुराना बताया जा रहा है. हालांकि, पिछले एक दशक से यह मंदिर बंद पड़ा है और इसके ऊपर ताला लगा हुआ है. सूत्रों के अनुसार, मंदिर के भीतर मिट्टी भर दी गई है और इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हुई थीं. अब सनातन रक्षक दल ने इस मंदिर को फिर से खोलने के लिए पुलिस को एक पत्र भेजा है. पत्र मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है.
पुलिस जांच और मंदिर का मालिकाना हक
पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर मंदिर की जांच की लेकिन अब तक यह पता नहीं चल सका है कि मंदिर का मालिकाना हक किसके पास है और ताला किसने लगाया था. इसके अलावा, इस मंदिर का जिक्र काशी खंड में भी किया गया है, जिसमें इसे 'पुष्पदंतेश्वर' से दक्षिण 'सिद्धिश्वर' के रूप में जाना जाता है. मंदिर के पास सिद्धतीर्थ कूप भी स्थित है, जो इसे धार्मिक दृष्टिकोण से और भी महत्वपूर्ण बनाता है.
सुरक्षा बल की तैनाती और विवाद का बढ़ता असर
मंदिर के बंद होने और इसके खोलने को लेकर पुलिस जांच के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं, सनातन रक्षक दल की तरफ से मंदिर के पुनः उद्घाटन के लिए प्रशासन पर दबाव डाला जा रहा है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह सवाल बना हुआ है कि इस मंदिर के ताले को कब और किसने बंद किया.
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वाराणसी में संभल जैसा मामला! मुस्लिम बहुल क्षेत्र में 250 साल पुराने मंदिर का एक दशक से बंद होने का दावा