उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जौनपुर से दबंगई का एक अनोखा मामला सामने आया है. जेल से रिहा होते ही हिस्ट्रीशीटर अमरजीत यादव ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन यह दिखावा उसे भारी पड़ गया. करीब 30 गाड़ियों के काफिले के साथ भौकाल बनाकर निकले अमरजीत को पुलिस ने बीच रास्ते में ही दबोच लिया. तलाशी के दौरान 5 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद हुई, जबकि कई गाड़ियां मौके से फरार हो गईं.
पुलिस ने लिया हिरासत में, जांच जारी
जौनपुर पुलिस ने अमरजीत यादव को हिरासत में लेकर जिले के सिधारी थाना ले जाया, जहां देर रात तक उससे पूछताछ की जाती रही. इस पूरे मामले में पुलिस और जेल प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे मामला और भी संदिग्ध नजर आ रहा है.
कौन है अमरजीत यादव?
आजमगढ़ जिले के महाराजगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला अमरजीत यादव गोरखपुर, जौनपुर और आजमगढ़ में दर्जनों आपराधिक मामलों में वांछित रह चुका है. उसके खिलाफ कुल 29 संगीन केस दर्ज हैं, जिसमें हत्या, लूट, जबरन वसूली और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं.
परिवार ने पुलिस पर लगाए आरोप
अमरजीत यादव की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही उसका भाई रंजीत और उसकी मां सिधारी थाने पहुंच गए. परिवार का आरोप है कि हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद अमरजीत को पहले जौनपुर जेल से रिहा किया गया, फिर उसे आजमगढ़ जेल लाया गया. लेकिन जैसे ही वह बाहर निकला, पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और अब उनसे मिलने भी नहीं दिया जा रहा.
पुलिस की कार्रवाई जारी
इस पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस ने अमरजीत यादव के काफिले में शामिल स्कॉर्पियो और थार सहित कई गाड़ियों को जब्त कर लिया. इस मामले को लेकर एसपी ग्रामीण सहित अन्य अधिकारी देर रात तक बैठक करते रहे. फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि बरामद किए गए लाखों रुपये कहां से आए और इसका इस्तेमाल किस मकसद के लिए किया जाने वाला था.
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जेल से बाहर आते ही 30 गाड़ियों के काफिले संग निकला हिस्ट्रीशीटर, पुलिस ने निकाल दी सारी दबंगई