UP: बात है 1993 की, जब गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके में घर लौटते वक्त अचानक एक दिन 7 साल का राजी गायब हो जाता है. गायब हुए  राजू का परिवार दशकों तक उसकी राह तकता रहा, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. आखिरकार एक दिन परिवार वालों ने भी आश छोड़ दी और अपने दैनिक दिनचर्या में लग गए. अपहरण के बाद वह राजस्थान में गुलामी की जिंदगी जीने पर मजबूर हो गया. लेकिन अपने मजबूत हौसले के दम पर राजू ने 30 साल बाद आजादी पाई और अपने परिवार को फिर से गले लगाया.  पुलिस, सोशल मीडिया, और एक चमत्कारिक संयोग ने राजू के जीवन की सबसे बड़ी गुमशुदगी को अंततः एक सुखद अंत दिया. यह कहानी न सिर्फ दिल छू लेने वाली है, बल्कि मानवता और विश्वास की अद्भुत मिसाल भी पेश करती है. 

राजस्थान में गुजरे गुलामी के दिन
साहिबाबाद में अपहरण के बाद राजू को राजस्थान ले जाया गया, जहां उसे एक घर में बंधक बना दिया गया. उसने बताया, 'मुझे रोज़ मारा-पीटा जाता था, काम करवाया जाता था और खाने को सिर्फ एक रोटी मिलती थी. रात को मुझे बांध दिया जाता था ताकि मैं भाग न सकू. राजू ने बताया कि इतने सालों तक वह आजादी और अपने परिवार के लिए भगवान हनुमान से प्रार्थना करता रहा. अपहरणकर्ता के घर की छोटी बेटी ने उसे हनुमान जी की पूजा करने और भागने का हौसला दिया. 

आखिरकार भाग निकला और दिल्ली पहुंचा
तीस साल की पीड़ा सहने के बाद, राजू ने हिम्मत की और अपहरणकर्ताओं के चंगुल से भाग निकला. दरअसल, वह एक ट्रक में सवार होकर दिल्ली पहुंचा, लेकिन इतने सालों में वह अपने घर का पता और माता-पिता के नाम भूल चुका था. दिल्ली में कई पुलिस थानों में मदद मांगने के बाद भी कोई राहत नहीं मिली. अंततः वह गाज़ियाबाद के खोड़ा पुलिस स्टेशन पहुंचा. 

खोड़ा पुलिस ने निभाई इंसानियत
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खोड़ा पुलिस ने राजू की कहानी सुनी और तुरंत उसकी मदद की. पुलिस ने उसे खाना, पानी और जूते दिए. जिसके बाद पुलिस ने सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से राजू के परिवार की तलाश शुरू की. कुछ ही दिनों में राजू के चाचा ने पुलिस से संपर्क किया और उसके बाद वो घड़ी आई जिसका इंतजार राजू और उसके परिवार को पिछले 30 सालों से था. परिवारवालों के लिए यह बेहद भावुक पल था. राजू के घर लौटने से उसके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. 


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भगवान हनुमान की कृपा से हुआ चमत्कार
राजू ने हनुमान मंदिर में बैठकर कहा,'मैं भगवान हनुमान का शुक्रिया अदा करता हूं. उनकी कृपा से ही मैं आज अपने परिवार से मिल पाया हूं.' वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रजनीश उपाध्याय ने कहा कि मामले की गहन जांच जारी है. बहरहाल, राजू की कहानी न केवल दिल दहला देने वाली है, बल्कि इंसानियत और विश्वास की भी मिसाल पेश करती है. 

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up news a boy who kidnapped from sahibabad ghaziabad at age of 7 now return home after three decades after uttar pradesh police help crime reveals truth
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7 साल की उम्र में किडनैप, तीन दशक की गुलामी, राजू की घर वापसी ने खोले हैरान करने
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UP: 7 साल की उम्र में किडनैप, तीन दशक की गुलामी, राजू की घर वापसी ने खोले हैरान करने वाले राज, जानें पूरा मामला
 

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