उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मैनपुरी में जानवरों की तस्करी करने वाले एक गिरोह को एसटीएफ (UP STF) ने पकड़ा है. 390 जिंदा कछुओं को तस्करी के लिए उत्तराखंड ले जाया जा रहा था. पुलिस ने कछुओं को लेकर जा रहे दो लोगों को अरेस्ट किया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. तस्करों का यह नेटवर्क यूपी से लेकर उत्तराखंड तक फैला हुआ है. पूछताछ में पिछले 6 महीने से ज्यादा वक्त से कछुओं की तस्करी कर रहे थे. बताया जा रहा है कि तस्करों का गैंग कछुओं का इस्तेमाल प्रतिबंधित मांस खाने और शक्तिवर्धक दवाओं के इस्तेमाल के लिए करते हैं.
उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक फैला नेटवर्क
कछुओं की तस्करी का यह गैंग यूपी (Uttar Pradesh) से लेकर उत्तराखंड तक काम कर रहा है. सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने दो लोगों को अरेस्ट किया है. सब इंस्पेक्टर ने बताया कि मुखबिर की सूचना के आधार पर हमने कार्रवाई की और अलग-अलग बॉक्स में भरकर 390 कछुए लेकर जा रहे थे.
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पुलिस ने बताया कि पूछताछ में पकड़े गए तस्कर उत्तम ने बताया कि सितारगंज उत्तराखंड में इन कछुओं को बेचने की डील हुई थी. एक कछुए क कीमत 80,000 रुपये तय हुई थी. आरोपी ने कहा कि इन्होंने उत्तराखंड के दूसरे शहरों में भी कछुओं की तस्करी करने की बात मानी है.
शक्तिवर्धक दवाओं के लिए कर रहे थे इस्तेमाल
पुलिस ने बताया कि तस्करी का उद्देश्य कछुए का मांस और शक्तिवर्धक दवाओं के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. कछुए का मांस प्रतिबंधित है और इसलिए इसकी तस्करी भी की जाती है. पुलिस टीम ने कहा कि उत्तराखंड की स्थानीय पुलिस को इसके बारे में सूचना दी गई है. आगे और जांच की जा रही है. तस्करी सीमा पार दूसरे देशों में भी की जाती थी या नहीं, इसकी भी जांच कर रहे हैं.
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UP Crime News: उत्तराखंड ले जा रहे 390 जिंदा कछुए जब्त, तस्करों के बड़े गिरोह और नेटवर्क का भंडाफोड़