उत्तर प्रदेश के उपचुनाव के लिए इंडिया अलायंस (INDIA Alliance) और बीजेपी (BJP) दोनों ही अपना पूरा जोर लगा रही हैं. कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को एक तरह से फ्री हैंड दे दिया है. अखिलेश यादव ने जीत के लिए पीडीए (PDA) का महामंत्र दिया है. दूसरी ओर बीजेपी ने भी इसकी काट निकालने की कोशिश की है. भगवा पार्टी के उम्मीदवारों की लिस्ट देखें, तो इसमें इसकी झलक नजर आती है. बीजेपी ने जिस तरह के उम्मीदवारों की लिस्ट निकाली है उसमें दलित और पिछड़ों की संख्या दिख रही है. अब तक 7 उम्मीदवार घोषित किए गए हैं, जिसमें से 5 दलित और पिछड़े समाज से आते हैं.
PDA फॉर्मूले की बीजेपी ने खोजी काट
उत्तर प्रदेश उपचुनाव बीजेपी और सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए अग्निपरीक्षा है. लोकसभा चुनाव में भगवा पार्टी को प्रदेश में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. उपचुनाव में बीजेपी हर कदम बहुत संभलकर रख रही है. पार्टी ने अपने कोटे की 8 में से 7 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं. सिर्फ सीसामऊ सीट को अभी होल्ड पर रखा गया है. समाजवादी पार्टी के पीडीए फॉर्मूले की काट निकालने के लिए पार्टी ने 5 सीट पर दलित और ओबीसी उम्मीदवार उतारे हैं. ओबीसी के 4, ब्राह्मण, ठाकुर और दलित समुदाय से एक-एक कैंडिडेट उतारा है.
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BJP ने इन उम्मीदवारों पर जताया भरोसा
उपचुनाव में बीजेपी ने गाजियाबाद सदर से संजीव शर्मा, खैर सीट से सुरेंद्र दिलेर, कुंदरकी सीट से रामवीर सिंह, मंझवा सीट से सुचिस्मिता मौर्या, फूलपुर से दीपक पटेल, कटेहरी सीट से धर्मराज निषाद और करहल से अनुजेश प्रताप यादव को कैंडिडेट घोषित किया है. मीरापुर सीट गठबंधन के सहयोगी आरएलडी (RLD) को मिली है. बताया जा रहा है कि हर कैंडिडेट को तय करने से पहले कई स्तरों पर स्क्रूटनी की गई है. अब देखना है कि पीडीए फॉर्मूले की यह काट बीजेपी के पक्ष में जाती है या नहीं.
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SP के PDA फॉर्मूले का बीजेपी ने निकाल लिया तोड़, उपचुनाव के लिए अपनाई ये रणनीति