ब्रिटेन में चुनाव नतीजे (UK Election Results) लेबर पार्टी के पक्ष में आए हैं. 14 साल बाद देश की सत्ता में लेबर पार्टी की वापसी हो रही है. इसके साथ ही अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर भारत और ब्रिटेन के संबंधों पर इसका कैसा असर होगा. पिछले एक दशक में दोनों देशों के संबंधों में काफी प्रगाढ़ता आई है. भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने हार स्वीकार करते हुए नतीजों को देश की जनता की आवाज बताया है. आइए समझते हैं कि सत्ता परिवर्तन का असर किस तरह से नजर आ सकता है.

भारत और ब्रिटेन के बीच स्थिर रिश्ते दोनों देशों की प्राथमिकता 
भारत और ब्रिटेन दोनों ही देशों के बीच (India Britain Relation) पिछले कई दशक से स्थिर संबंध रहे हैं. किएर स्टार्मर की प्राथमिकता उसे बहाल रखने की होगी. आखिरी बार जब वहां लेबर पार्टी की सरकार थी तब भी दोनों देशों के रिश्ते स्थिर रहे थे. पिछले 5 सालों में दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध नए मुकाम पर पहुंचे हैं और ब्रिटेन की दोनों प्रमुख पार्टियां भारत के साथ मुक्त व्यापार के मुद्दे पर सहमत है. दोनों देशों के बीच 2022-23 में 20.36 अरब डॉलर का व्यापार था. 2023-24 में बढ़कर 21.34 अरब डॉलर हो गया है. 


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किएर स्टार्मर ने भारत को प्राथमिकता देने का किया है वादा
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने भारत को प्राथमिकता देने का वादा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया है. उन्होंने अपने घोषणा पत्र में मुक्त व्यापार समझौता प्रभावी करने का वादा किया है. बता दें कि ब्रिटेन में लंबे समय से मुक्त व्यापार समझौते की मांग की जा रही है. इससे भारत में ब्रिटिश सामान पर टैरिफ कम हो जाएगा. स्टार्मर ने भी इसे प्राथमिकता देने की बात कही है. पार्टी के शैडो फॉरेन सेक्रेटरी डेविड लैमी जो अब नए वित्त मंत्री बन सकते हैं उन्होंने खुले तौर पर कहा था कि मेरा भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को वादा है कि लेबर पार्टी सत्ता में आती है, तो तत्परता के साथ हम इस पर सहमति बनाएंगे. 

भारतीयों का दिल जीतने के लिए लेबर पार्टी ने की मेहनत 
बता दें कि 2000 के शुरुआती दशक तक भारतीय समुदाय को लेबर पार्टी का वफादार माना जाता था. ब्रिटेन में करीब 19 लाख भारतीय रहते हैं, जो आबादी का 2.5 फीसदी है. हालांकि, बाद में हालात ऐसे बने कि भारतीय समुदाय धीरे-धीरे कंजर्वेटिव पार्टी की ओर शिफ्ट कर गया था. भारतीय मूल के ऋषि सुनक के पीएम बनने के बाद तो पूरा भारतीय समुदाय ही लगभग कंजर्वेटिव पार्टी के साथ हो गया. इसके बावजूद किएर स्टार्मर ने भारतीयों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने भारतीय समुदाय के बीच जाकर कई सभाएं की थीं. 


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बता दें कि जम्मू-कश्मीर पर लेबर पार्टी संसद में एक प्रस्ताव लेकर आई थी जिसका भारी विरोध भारतीय समुदाय की ओर से किया गया था. धारा 370 समाप्त किए जाने के बाद लेबर पार्टी के प्रस्ताव में कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के जाने की मांग की गई थी. हालांकि, भारत ने इसका सख्त विरोध किया था. 

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UK Election Results Rishi sunak out of power Keir Starmer labour party won impact on india britain relation
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सुनक की विदाई और Keir Starmer को सत्ता, भारत और ब्रिटेन के रिश्तों पर होगा असर? 
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किएर स्टार्मर के दौर में भारत-ब्रिटेन संबंध पर होगा असर?

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सुनक की विदाई और Keir Starmer को सत्ता, भारत और ब्रिटेन के रिश्तों पर होगा असर? 

 

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ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन का असर भारत और ब्रिटेन के संबंधों पर भी दिख सकता है. किएर स्टार्मर के पीएम बनने से क्या बदलेंगे हालात?