डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में शिवसेना (Shiv Sena) के दो गुटों का विवाद हर दिन नए रूप में सामने आता है. पहले दशहरा रैली (Dussehra Rally) की जगह को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने रहे. अब दोनों पक्ष एक दूसरे की रैलियों पर सवाल उठा रहे हैं. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की अगुवाई वाली शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' (Saamna) ने एकनाथ शिंदे की दशहरा रैली की जमकर आलोचना की है. 'सामना' में एक लेख के ज़रिए एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का मज़ाक उड़ाया गया है कि अपने भाषण के दौरान उन्होंने 'मोदी-शाह चालीसा' पढ़ी. यह भी दावा किया गया है कि एकनाथ शिंदे की इस रैली को सफल बनाने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये फूंक दिए गए.
'सामना' ने एकनाथ शिंदे की दशहरा रैली को बीजेपी समर्थित कार्यक्रम करार दिया है. उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले अलग हुए गुट को 'नकली शिवसेना' भी करार दिया. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे एक संपादकीय लेख में पार्टी ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे गुट ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में आयोजित दशहरा रैली पर 50 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये खर्च किए होंगे.
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'रैली में लाने के लिए लगाई गईं 2,000 बसें'
शिवसेना का आरोप है कि शिंदे की इस रैली में समर्थकों को लाने-ले जाने के लिए लगभग 2,000 बस बुक की गईं और कार्यक्रम में शामिल हुए दो लाख से ज़्यादा लोगों को भोजन कराया गया. उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने कहा, 'बीकेसी की रैली बीजेपी समर्थित कार्यक्रमों में से एक थी. इस रैली पर खर्च की गई धनराशि का उपयोग कुछ विधायकों को खरीदने के लिए किया गया होगा. यह कार्यक्रम एक फैशन शो और एक सौंदर्य प्रतियोगिता की तरह था.'
आपको बता दें कि जब से एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत की, उद्धव ठाकरे गुट उन्हें यह कहते हुए निशाना बना रहा है कि प्रत्येक बागी विधायक ने 50 'खोके' लिए यानी 50 करोड़ रुपये लिए. सामना में छपे संपादकीय लेख के मुताबिक, 'यह रैली शिवसेना के नाम पर आयोजित की गई थी लेकिन यह बीजेपी के एक कार्यक्रम की तरह ही थी, क्योंकि अपने भाषण में नकली शिवसेना के प्रमुख नेता (शिंदे) ने मोदी-शाह चालीसा (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ करते हुए) को पढ़ा.'
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दरअसल, दशहरा की शाम शिवसेना के दोनों धड़ों ने विशाल रैलियां कीं. उद्धव ठाकरे ने जहां दादर इलाके के शिवाजी पार्क में अपनी रैली को संबोधित किया, वहीं एकनाथ शिंदे ने बीकेसी में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. शिवसेना के 39 विधायक और 12 सांसद एकनाथ शिंदे के खेमे में आ गए हैं. इसके अलावा 10 निर्दलीय विधायकों का भी उन्हें समर्थन प्राप्त है.
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एकनाथ शिंदे गुट पर उद्धव की शिवसेना का हमला, 'दशहरा रैली में पढ़ते रहे मोदी-शाह चालीसा'