डीएनए हिंदी: पूर्वोत्तर के चुनावों को हिंदी भाषी राज्यों में ज्यादा तरजीह नहीं मिलती. हालांकि, इस बार मामला अलग है. मेघालय में टीएमसी की एंट्री और त्रिपुरा में तिपरा मोथा के उदय ने इन चुनावों को काफी रोचक बना दिया है. एग्जिट पोल्स दिखा रहे हैं कि मेघालय में त्रिशुंक विधानसभा के आसार ज्यादा हैं. कई एग्जिट पोल्स त्रिपुरा में बीजेपी की जीत दिखा रहे हैं लेकिन अगर मामला थोड़ा सा इधर-उधर होता है तो यहां भी त्रिशंकु जैसे हालात हो जाएंगे. ऐसी स्थिति में मेघालय में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और त्रिपुरा में प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा की तिपरा मोथा किंगमेकर बनकर उभर सकती हैं.
मेघालय में सत्ताधारी एनपीपी को सबसे ज्यादा सीटें मिलने के आसार हैं लेकिन अकेले दम पर पूर्ण बहुमत मिलने के चांस बहुत कम ही हैं. ऐसे में पूर्व सीएम मुकुल संगमा की अगुवाई में चुनाव में उतरी तृणमूल कांग्रेस के किंगमेकर बनने के आसार हैं. अलग-अलग एग्जिट पोल्स में टीएमसी को 4 से लेकर 12 सीटें तक मिलने की संभावना जताई जा रही है. अगर टीएमसी दहाई के आंकड़े तक पहुंचती है तो यह तय है कि सत्ता की चाबी उसी के पास होगी.
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मेघालय में फंसेगा पेच?
एग्जिट पोल्स के बाद एनपीपी के मुखिया और मेघायल के मौजूदा सीएम कोनराड संगमा का कहना है कि चुनाव नतीजों के आधार पर वह गठबंधन की संभावना देखेंगे. उनका यह भी कहना है कि राज्य की बेहतरी के हिसाब से वह गठबंधन करेंगे. मौजूदा सरकार में बीजेपी गठबंधन सहयोगी है लेकिन चुनाव में सभी पार्टियां अकेले-अकेले उतरी थीं. हालांकि, चुनाव के बाद भी ये सभी पार्टियां फिर से साथ आकर चुनाव में उतर सकती हैं.
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त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में इस बार तिपरा मोथा ने सबको हैरान किया है. पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी तिपरा मोथा को 10 से ज्यादा सीटें मिलने की संभावना है. वैसे तो बीजेपी को अकेले बहुमत मिलने की संभावना है लेकिन अगर चुनाव नतीजे फंसते हैं तो सत्ता की चाबी तिपरा मोथा के पास आ जाएगी. तिपरा मोथा के प्रद्योत माणिक्य ने पहले ही कहा है कि वह उसी पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे जो उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए तैयार हो.
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पूर्वोत्तर से साफ हो रही है कांग्रेस
इस सबमें सबसे बुरा हाल कांग्रेस का है. नागालैंड में बेहद कम सीटों पर चुनाव लड़ कांग्रेस एग्जिट पोल्स में फिसड्डी साबित हो रही है. त्रिपुरा में उसने लेफ्ट के साथ गठबंधन किया है लेकिन उसके नतीजे एग्जिट पोल्स में तो बिल्कुल नहीं दिखे हैं. मेघालय में भी अलग-थलग पड़ी कांग्रेस पार्टी सिर्फ कुछ सीटों पर ही सिमटती दिख रही है.
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