डीएनए हिंदी: त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग जारी है. मेघालय और नागालैंड में 27 फरवरी को वोटिंग होनी है और चुनाव प्रचार जारी है. जहां सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरा जोर लगा रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी चुनाव प्रचार से दूर हैं. वह कश्मीर में स्कीइंग का मजा ले रहे हैं. इस बार पूर्वोत्तर के चुनावों में राहुल गांधी के अलावा प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी प्रचार करने नहीं गए. गुजरात चुनाव में भी राहुल गांधी ने प्रचार नहीं किया था और वहां कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा था.
राहुल गांधी बुधवार को कश्मीर के गुलमर्ग में स्कीइंग करते दिखे. सामने आए वीडियो में देखा गया कि वह अपने दोस्तों के साथ स्कीइंग का मजा ले रहे थे. पिछले महीने भारत जोड़ो यात्रा के समापन के मौके पर भी राहुल गांधी कश्मीर पहुंचे थे और अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ बर्फ से खेलते नजर आए थे. दूसरी तरफ, त्रिपुरा में चुनाव प्रचार खत्म भी हो गए लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेता वहां पहुंचे ही नहीं.
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त्रिपुरा से गायब रहे कांग्रेस के बड़े नेता
त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी सिर्फ 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. लेफ्ट के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस पूरी तरह से गायब है. रिपोर्ट के मुताबिक, त्रिपुरा कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क भी किया लेकिन राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ही चुनाव प्रचार करने नहीं गए. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी त्रिपुरा की 59 सीटों पर चुनाव लड़ी थी लेकिन उसे एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी.
त्रिपुरा के अलावा नागालैंड और मेघालय में भी चुनाव हो रहे हैं. इन दोनों राज्यों में 27 फरवरी को वोटिंग होगी. इसमें भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सक्रियता न के बराबर है. जहां सत्ताधारी बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह से लेकर योगी आदित्यनाथ और जे पी नड्डा लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व चुनाव प्रचार से ही गायब है.
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मोदी को कैसे चुनौती देगी कांग्रेस?
कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में नरेंद्र मोदी की सरकार को उखाड़ फेंकने का दावा कर रही है. गुजरात के विधानसभा चुनाव में उसे बंपर हार मिल चुकी है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में वह आंतरिक कलह से जूझ रही है. छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में भी पार्टी में स्पष्ट रूप से दो धड़े हैं. पूर्वोत्तर में अब उसकी हालत यह है कि उसे लेफ्ट के साथ ही गठबंधन करके चुनाव लड़ना पड़ रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि राहुल गांधी की कांग्रेस नरेंद्र मोदी को चुनौती कैसे देगी?
सवाल तो यह भी है कि क्या राहुल गांधी अब लंबे समय के लक्ष्य लेकर चल रहे हैं और विधानसभा चुनावों से इतर उनका ध्यान भारत जोड़ो यात्रा और घर-घर जोड़ो अभियान पर ही है? कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भारत जोड़ो यात्रा के बाद जोश तो आया है लेकिन यात्रा के तुरंत बाद के चुनावों में अगर उसे हार मिलती है तो यह जोश कितना दिन हाई रह पाएगा यह कहना काफी मुश्किल है.
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त्रिपुरा में चुनाव, राहुल गांधी ले रहे स्कीइंग के मजे, 2024 में मोदी को कैसे चुनौती देगा विपक्ष?