In-Situ Material Heterogeneity: दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह कुछ हिस्सों में भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए. इन झटकों का कारण राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) का कारण 'इन-सीटू मटेरियल हेटेरोजेनिटी' को बताया है. इन-सीटू मटेरियल हेट्रोजेनिटी का मतलब है कि यह क्षेत्र में भूवैज्ञानिक विशेषताओं में भिन्नता के कारण हुआ था. इन-सीटू मटेरियल हेट्रोजेनिटी का मतलब है कि एक ही जगह पर जमीन के नीचे अलग-अलग तरह की मिट्टी, चट्टानें और खनिज पदार्थ मौजूद हैं. मान लीजिए कहीं जमीन के नीचे ढीली मिट्टी है और कहीं सख्त चट्टान, तो भूकंप के झटके अलग-अलग तरह से महसूस होंगे.
वैज्ञानिकों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार सुबह आया भूकंप क्षेत्र की भूगर्भीय विशेषताओं में स्वाभाविक रूप से होने वाले बदलाव का परिणाम था, न कि प्लेट टेक्टोनिक्स के कारण. दिल्ली में 4.0 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र धौला कुआं के पास झील पार्क क्षेत्र में था और उथली गहराई के कारण, आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों ने आज सुबह धरती के हल्के हिलने के कारण तेज आवाजें सुनीं.
वैज्ञानिकों ने समझाई भूकंप की वजह
एनसीएस के निदेशक ओपी मिश्रा ने पीटीआई को बताया, 'यह कम गहराई वाला भूकंप था, इसलिए झटके तेज महसूस किए गए.' उन्होंने यह भी कहा कि यह भूकंप प्लेट टेक्टोनिक्स से नहीं, बल्कि स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों से जुड़ा था. उन्होंने कहा, 'लोगों का घबराना स्वाभाविक था.' जाहिर है, जब अचानक जमीन हिलने लगे, तो कोई भी घबरा जाएगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'उत्तर भारत का दिल्ली क्षेत्र अक्सर हिमालय और स्थानीय स्रोतों से क्रमशः दूर-क्षेत्र और निकट-क्षेत्र के भूकंपों से प्रभावित होता है. धौला कुआं क्षेत्र में 2007 में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया था. हालांकि, इसका प्रभाव सोमवार के भूकंप जितना महसूस नहीं किया गया था क्योंकि यह 10 किलोमीटर की गहराई पर आया था.' वहीं, उन्होंने बताया कि भारत के भूकंपीय जोनिंग मानचित्र में दिल्ली को भूकंपीय क्षेत्र IV में रखा गया है, जो देश में दूसरा सबसे ऊंचा स्थान है. इसका मतलब है कि दिल्ली में भूकंप का खतरा काफी ज्यादा है.
यह भी पढ़ें - Earthquake In Delhi-NCR: भूकंप के झटके से हिला दिल्ली- एनसीआर, सुबह सुबह कांप गए लोग
राष्ट्रीय राजधानी को हिमालय से आने वाले ऐतिहासिक भूकंपों के कारण मध्यम से उच्च भूकंपीय गतिविधि के जोखिमों का सामना करना पड़ता है. जैसे 1803 में गढ़वाल हिमालय में 7.5 तीव्रता का भूकंप, 1991 में उत्तरकाशी में 6.8 तीव्रता का भूकंप, 1999 में चमोली में 6.6 तीव्रता का भूकंप, 2015 में गोरखा में 7.8 तीव्रता का भूकंप और हिंदुकुश क्षेत्र से कई मध्यम तीव्रता के भूकंप.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments

'इन-सीटू मटेरियल हेटेरोजेनिटी' के कारण कांपी राजधानी, दिल्ली में भूकंप की यह वजह रह जाएंगे हैरान!