उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों का आतंक थम नहीं रहा है. बीती रात इनके हमले में एक और बच्चे की मौत हो गई, जबकि 3 मासूम घायल हो गए. आदमखोर भेड़िए पिछले डेढ महीने में 6 बच्चों सहित 7 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. भेड़ियों को पकड़ने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस और वन विभाग की टीम को अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिल सकी है. वहीं, इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा है.
अधिकारी ने बताया कि मंगलवार तड़के भेड़ियों ने हमला करके एक गांव के तीन बच्चों को घायल कर दिया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए टीम जब तक वहां पहुंची तब तक दूसरे गांव पहुंच चुके भेड़िए ने 5 साल के एक और बच्चे को अपना निवाला बना डाला.
डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने कहा, ‘महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र में हमारी कई टीम 2 दर्जन से अधिक गांवों में लगातार दिन-रात गश्त पर हैं. बीती रात खबर मिली कि खैरीघाट थानाक्षेत्र के छत्तरपुर ग्राम पंचायत के 3, 6 और 9 साल के तीन बच्चों पर भेड़ियों ने हमला कर दिया. ग्रामीणों की मुस्तैदी से बच्चों को बचा लिया गया. लेकिन टीम जब तक वहां पहुंचती तब तक आदमखोर भेड़िए दूसरे गांव रायपुर के मजरा दीवानपुरवा पहुंच गए और अपने माता-पिता के साथ सो रहे 5 साल के अयांश को मुंह में भरकर ले गए.
Drone से की जा रही निगरानी
उन्होंने बताया कि तलाश की तो एक खेत से अयांश का करीब 40 से 50 प्रतिशत खाया गया शव बरामद हुआ. डीएफओ ने बताया, ‘शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. उन्होंने बताया कि बीते डेढ़ माह में इन हमलों से अब तक 6 बच्चों की मौत हो चुकी है. भेड़ियों के आतंक इलाके में खौफ का साया है. इन्हें पकड़ने के लिए 12 सदस्यीय एक टीम गठित की गई है. साथ ही इन इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है.
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अधिकारी ने बताया कि ड्रोन कैमरों की मदद से भेड़ियों के झुंड की निगरानी की जा रही है और अब तक तीन भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है. उन्होंने कहा कि हमलावर भेड़ियों की संख्या पर भी निश्चित मत नहीं मिल पा रहा है. प्रशासन व वन विभाग अभी तीन और भेड़ियों की मौजूदगी की जानकारी दे रहा है तो ग्रामीण एक दर्जन भेड़िए होने का दावा कर रहे हैं.
अखिलेश ने सरकार को घेरा
इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर कहा, 'ऐसे हादसे दो तरह से भाजपा सरकार की नाकामी को दर्शाते हैं. एक तरफ भाजपा राज में जंगलों की अवैध कटाई से पशुओं के निवास स्थान मतलब वन घट रहे हैं, जिससे उनके जीवन-चक्र में भोजन की कमी हो रही है. दूसरी तरफ़ ये वन विभाग की लापरवाही का भी संकेत है.' (PTI इनपुट के साथ)
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यूपी के इस शहर में भेड़ियों का आतंक, रात में सोते बच्चों को बना रहे शिकार, अबतक 7 की मौत