Telegram CEO पावेल डुरोव को फ्रांस ने रिहा कर दिया है. डुरोव को आगे की क्वशनिंग के लिए कोर्ट के पास भेज दिया है. डुरोव को पेरिस एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था. पिछले 4 दिनों से यानी 96 घंटे से हिरासत में थे. फ्रांस के कोर्ट ने बुधवार को डुरोव को रिहा करने का आदेश दिया.
UAE आया मदद को सामने
माना जा रहा है कि कोर्ट का ये फैसला संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के फ्रांस के साथ राफेल डील को सस्पेंड करने के मद्देनजर लिया गया है. UAE ने फ्रांस के साथ 80 युद्धक विमानों (Rafale fighter jet) के सौदे को निलंबित कर दिया था. डूरोव रूस में जन्मे हैं. वे फ्रांस और यूएई दोनों के नागरिक हैं. अभी इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्होंने रूसी नागरिकता बरकरार रखी है या त्याग दी है. अब, यह बताया गया है कि यूएई ने डूरोव की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर की है.
क्यों हुई थी डुरोव की गिरफ्तारी?
डूरोव को उनके मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम की चल रही जांच के सिलसिले में फ्रांस में गिरफ्तार किया गया था. डुरोव पर टेलीग्राम के जरिए बाल यौन शोषण सामग्री को बढ़ावा देने, ड्रग ट्रैफिकिंग और संगठित अपराध से जुड़े 12 केस दर्ज हैं. इसी सिलसिले में उन्हें 24 अगस्त को पेरिस में हिरासत में लिया गया था.
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96 घंटे बाद क्यों मिली रिहाई?
डुरोव के पास फ्रांस के साथ-साथ यूएई की भी नागरिकता है. उनकी सोशल मीडिया कंपनी टेलीग्राम का मुख्यालाय भी दुबई में है. जब दुबई को डुरोव की गिरफ्तारी खबर लगी तो यूएई के विदेश मंत्रालय ने डुरोव को कॉन्सुलर सहायता दिलाने के लिए भी फ्रांस के अधिकारियों से संपर्क किया. मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हम डुरोव के मामले पर नजर बनाए हुए हैं. हमारे नागरिकों की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा यूएई के लिए सबसे बड़ी प्रथामिकता है. डुरोव की गिरफ्तारी के चलते यूएई ने फ्रांस के साथ 80 फाइटर जेट को खरीदने के सौदे को भी रोक लगा दी थी.
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96 घंटे बाद Telegram CEO पावेल डुरोव को किया गया रिहा, जानें किस देश ने की मदद