डीएनए हिन्दी: कश्मीर (Kashmir) घाटी में एक के बाद एक टारगेट किलिंग (Target Killing) की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. टारगेट किलिंग की घटनाओं से कश्मीर में अल्पसंख्यकों के बीच डर फैल गया है. अब अल्पसंख्यक समुदाय के बीच घाटी छोड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है. सिर्फ एक महीने में दहशतगर्दों ने 9 लोगों की हत्याएं कर दी हैं. लेकिन, ऐसा नहीं कि यह सब अचानक हो रहा है. इसकी प्लानिंग पिछले साल ही रची जा चुकी थी. आतंकी बस वक्त का इंतजार कर रहे थे, मौका मिलते सीमा पार बैठे अपने आकाओं के इशारे पर उन्होंने मासूमों को मौत के घाट उतरना शुरू कर दिया है.
सूत्रों की मानें तो पाक के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में इसकी स्क्रिप्ट तैयार की गई थी. 21 सितंबर में 2021 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के अफसरों के साथ कई आतंकी संगठनों के मीटिंग हुई थी.
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ISI के साथ हुई इसी मीटिंग में तय हुआ कि अलग-अलग नाम से कई आतंकी संगठन बनाए जाएंगे और टारगेट किलिंग को अंजाम दिया जाएगा. ये अलग-अलग संगठन, अलग-अलग घटनाओं की जिम्मेदारी लेंगे.
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मीटिंग में यह भी तय हुआ कि किन लोगों को टारगेट करना है. आतंकी संगठनों को ISI के अफसरों ने निर्देशित किया कि उन्हें कश्मीरी पंडितों, सुरक्षा कर्मियों, RSS और बीजेपी के लोकल नेताओं, सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाना है.
उसी वक्त ISI ने आतंकी संगठनों के साथ मिलकर करीब 200 लोगों की लिस्ट बनाई. ISI के उसी प्लान के हिसाब से आंतकी संगठनों ने कश्मीर में कोहराम मचा रखा रहा.
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पिछले साल ही पाक में लिखी गई थी टारगेट किलिंग की स्क्रिप्ट, अब दे रहे अंजाम