वक्फ संशोधन कानून (Waqf Amendment Act Hearing) की संवैधानिकतओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए टाल दी. उन्होंने कहा कि इस मामले में अंतरिम आदेश पारित करने से पहले लंबी सुनवाई की जरूरत है. सीजेआई संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर हो रहे हैं. इसलिए अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस बीआर गवई (CJI BR Gavai) की बेंच करेगी.

जस्टिस बीआर गवई 14 मई को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर शपथ लेंगे. एक दिन बाद 15 मई से वक्फ कानून पर सुनवाई शुरू होगी. इससे पहले 17 अप्रैल को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए वक्फ की संपत्तियों को डिनोटिफाई करने, बोर्ड में किसी की नियुक्ति करने पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में सुनवाई पूरी होने तक वक्फ में यधास्थिति बनी रहेगी.

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वानाथ की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है. बेंच ने 25 अप्रैल तक सरकार से अपना पक्ष रखने के लिए हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था. कोर्ट ने 'वक्फ बाई यूजर' और बोर्ड में गैर मुसलमानों के शामिल करने जैसे पॉइंट्स पर सवाल उठाए थे.

मोदी सरकार ने हलफनामे में क्या कहा?
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में  'वक्फ बाई यूजर' को सही बताया है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए 1332 पन्नों के हलफनामे में कहा कि 'वक्फ बाई यूजर' सहित वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन साल 1923 से ही अनिवार्य है. सरकार की ओर से कहा गया है कि इस कानून के तहत आस्था की जगहों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. 

विपक्ष बोला कोर्ट के पास रोकने की पावर
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पास शक्ति है कि वह वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 का रिव्यू कर सकता है. उन्होंने कहा, "हम वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं और हमारी तरफ से एक एफिडेविट भी दाखिल किया गया है. सरकार की तरफ से भी हलफनामा दाखिल किया गया है, जो झूठ है और सरकार यह भी कह रही है कि इस कानून को रोक नहीं सकते. मैं बता देना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट को पावर है कि वह कानून का रिव्यू कर सकता है. साथ ही वह उस पर रोक भी लगा सकता है.

उन्होंने आगे कहा, 'सरकार झूठ बोल रही है और गलत बयानी कर रही है। वक्फ बोर्ड पर नियंत्रण सरकार का है और यह कभी सरकार से ऊपर नहीं रहा है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या लोकतंत्र में तानाशाही चल रही है, जो भी बना दिया जाएगा, उसे खुदा का आदेश माना जाएगा? सुप्रीम कोर्ट को यह हक है कि वह कानून का रिव्यू करें, अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि यह सही है तो सरकार कैसे कह सकती है कि इस कानून को रोक नहीं सकते.'

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supreme court waqf amendment act waqf law case cji BR Gavai bench will hearing from May 15 Chief Justice Sanjiv Khanna is retiring
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वक्फ कानून पर अब नए CJI गवई सुनाएंगे फैसला, 15 मई तक टली सुनवाई
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वक्फ कानून पर 15 मई तक टली सुनवाई, अब नए CJI गवई सुनाएंगे फैसला, जानें सरकार और विपक्ष ने क्या रखीं दलीलें 

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