डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने याचिका लगाने वाले याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिका कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है, क्योंकि याचिकाकर्ता के किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है. शीर्ष अदालत राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली वकील अशोक पांडे की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उच्चतम न्यायालय ने 4 अगस्त 2023 को राहुल गांधी की मोदी सरनेम पर एक टिप्पणी से संबंधित मामले में उनकी सजा पर रोक लगाई थी. साथ ही उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल करने का आदेश सुनाया था.
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सूरत की कोर्ट ने सुनाई थी 2 साल की सजा
राहुल गांधी को सूरत की अदालत ने मोदी सरनेम मानहानि मामले में दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. बाद में कांग्रेस नेता ने निचली अदालत के इस फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन हाईकोर्ट ने भी कोई राहत नहीं दी और राहुल गांधी की सजा को बरकरार रखा. इसके बाद राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. कांग्रेस नेता को मार्च 2023 में लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
गुजरात से बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने 2019 में गांधी के खिलाफ उनके 'सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?' पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. राहुल गांधी ने यह टिप्पणी 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की थी.
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राहुल के खिलाफ अर्जी से नाराज सुप्रीम कोर्ट, अदालत ने ठोका 1 लाख का जुर्माना