डीएनए हिंदी: आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया है और उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. मनीष सिसोदिया को इसी साल 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. 7 मार्च को ईडी ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. दिल्ली की आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया 8 महीने से जेल में बंद हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि इस मामले में 6 से 8 महीने में ट्रायल पूरा किया जाए. अगर इतने समय में ट्रायल पूरा नहीं होता है तो जमानत के लिए कोर्ट का रुख फिर से कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि एजेंसी ने उसे बताया है कि 338 करोड़ रुपये के ट्रांसफर का लिंक साबित हो रहा है.
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क्या है पूरा मामला?
मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि दिल्ली सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने आबकारी नीति में ऐसे बदलाव करवाए जिससे शराब कारोबारियों को फायदा होना था. आरोप हैं कि मनीष सिसोदिया ने इसके बदले में करोड़ो रुपये लिए. इस पर मनीष सिसोदिया के वकील का कहना है कि आबकारी नीति सर्व सहमति से बनाई गई थी और इसे तत्कालीन उपराज्यपाल की मंजूरी भी मिली थी. हालांकि, आपको यह भी बता दें कि दिल्ली सरकार ने बाद में यह नई आबकारी नीति वापस ले ली थी और पुरानी आबकारी नीति फिर से लागू कर दी गई थी.
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मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह राजनीति और सार्वजनिक सक्रिय में व्यक्ति हैं ऐसे में उनके भाग जाने का कोई सवाल ही नहीं है. साथ ही, यह भी कहा गया था कि उन्हें जेल में रखने की कोई जरूरत नहीं है. वहीं, सीबीआई और ईडी का तर्क है कि वह दिल्ली सरकार में प्रभावशाली व्यक्ति रहे हैं ऐसे में वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं.
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मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली जमानत, समझें पूरा केस