डीएनए हिंदीः सामान्य वर्ग के लिए गरीबों के आरक्षण (EWS quota) पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बड़ा फैसला सुनाएगा. चीफ जस्टिस यूयू ललित (CJI U U Lalit) की अगुवाई वाली 5 जजों की बेंच EWS आरक्षण के संवैधानिक वैद्यता पर अपना फैसला सुनाएगी. बता दें कि 7 दिनों की लगातार सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच ने 27 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. शिक्षा और सार्वजनिक रोजगार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए 10 फीसदी आरक्षण की शुरुआत करने वाले 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
5 जजों की बेंच कर रही मामले की सुनवाई
इस मामले की सुनवाई 5 जजों की बेंच कर रही है. इसमें सीजेआई यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक मामले में नवीनतम वाद सूची के अनुसार संविधान पीठ की ओर से एक से ज्यादा फैसला सुनाए जाने की संभावना है. 2019 में लागू किए गए ईडब्ल्यूएस कोटा को तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके समेत कई याचिकाकर्ताओं ने संविधान के खिलाफ बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी.
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क्या है मामला
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2019 में संसद में 103वां संविधान संशोधन प्रस्ताव पारित कर आर्थिक रूप से कमज़ोर सामान्य वर्ग के लोगों को नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था की थी. केंद्र सरकार की तरफ से पेश किए गए वकील ने ईडब्ल्यूएस को नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के को सही बताते हुए कहा कि इस कानून से संविधान के मूल ढांचे को मजबूती मिलेगी. इसे संविधान का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता है.
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EWS की संवैधानिक वैधता पर SC के 5 जजों की बेंच आज सुनाएगी फैसला, संविधान संशोधन की दी गई है चुनौती