डीएनए हिंदी: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के साथ-साथ कई प्रतीक चिह्न भी तैयार किए जा रहे हैं. ऐसी ही एक कोशिश श्रीराम स्तंभ लगाने की है. ये श्रीराम स्तंभ अयोध्या से रामेश्वरम तक राम वन गमन पथ पर लगाए जाएंगे. इसके लिए कुल 290 श्रीराम स्तंभ लगाए जाने हैं जिनके लिए जगहों का चुनाव कर लिया गया है. इस तरह का पहला श्रीराम स्तंभ आज अयोध्या पहुंच गया है. इसे राजस्थान के माउंट आबू से लाया गया है. इसकी ऊंचाई 15 फीट और चौड़ाई 4 फीट है. इसे अयोध्या के मणि पर्वत पर लगाया जाना है. विधिवत पूजन के बाद इसे मणि पर्वत पर स्थापित कर दिया जाएगा.
लाल बलुआ पत्थरों से बने इन स्तंभों पर उस स्थान से जुड़ी बातों, वाल्मीकि रामायण के श्लोक और उनके अर्थ लिखे जाएंगे. ये पत्थर अशोक सिंघल फाउंडेशन की ओर से लगवाए जा रहे हैं और इसकी शुरुआत अयोध्या के मणि पर्वत से हो रही है. राम अवतार शर्मा का कहना है कि उन्होंने 40 साल तक शोध करके इन 290 जगहों का चयन किया गया है. इन पत्थरों के जरिए राम गमन पथ को नए सिरे से उकेरने की तैयारी हो रही है.
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40 साल तक की रिसर्च
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि जहां-जहां श्रीराम के चरण पड़े उन्हीं जगहों पर ये स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए राम अवतार शर्मा अयोध्या से रामेश्वरम की यात्रा कम से कम 10 बार कर चुके हैं. जहां कहीं भी ये स्तंभ लगाए जाएंगे वहां लगभग 100 से 120 वर्ग फीट जगह ली जाएगी. मणि पर्वत के लिए अयोध्या आए पहले श्रीराम स्तंभ के अलावा बाकी के दूसरे स्तंभ भी तेजी से तैयार किए जा रहे हैं.
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इस एक पत्थर को तैयार करने के लिए कई दिन तक काम हो रहा है और इसमें रोबोटिक मशीनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण काफी तेजी से हो रहा है और उद्घाटन की तारीख का ऐलान भी कर दिया गया है. प्रथम तल का काम लगभग पूरा हो चुका है और अब फिनिशिंग हो रही है. मंदिर के दूसरे तल और परकोटे का काम भी तेजी से हो रहा है.
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अयोध्या से रामेश्वर तक लगेंगे श्रीराम स्तंभ, जानिए क्या है इसका मकसद