डीएनए हिंदी: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड केस (Sidhu Moosewala Murder) की पूरी इनसाइड स्टोरी खोलकर रख दी है. स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने दो शूटरों और उनकी मदद करने वाले एक शख्स समेत कुल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. तीनों को पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) में पेश किया गया जहां से इन्हें 4 जुलाई तक की रिमांड पर भेज दिया गया है. इन लोगों की गिरफ्तारी के बाद स्पेशल सेल ने बताया कि हत्या में दो मॉड्यूल शामिल थे. इन लोगों ने कई हफ्तों तक रेकी की थी और जिस दिन पता चला कि आज सुरक्षा टीम सिद्धू मूसेवाला के साथ नहीं है उसी दिन हमला कर दिया. हमला करने के बाद इन लोगों ने लंदन में बैठे गोल्डी बराड़ (Goldi Barar) को फोन करके बताया कि काम हो गया है. हत्याकांड को अंजाम देने के बाद प्रियव्रत फौजी (Priyavrat Fauji) वाला मॉड्यूल पहले पंजाब में छिपा रहा फिर बचते-बचाते गुजरात पहुंच गया. इन लोगों को गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से गिरफ्तार किया है. शूटरों की निशानदेही पर हरियाणा के हिसार से हथियारों का जखीरा भी बरामद किया गया है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के कमिश्नर एचजीएस धालीवाल ने बताया कि स्पेशल सेल ने 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से ही इस केस पर काम शुरू कर दिया था. संदीप नांगल केस और विक्की मिद्दुखेड़ा केस के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा, हर जोन की टीमें लगातार अलग-अलग जेलों में बंद अपराधियों और अन्य आपराधिक नेटवर्क से इस केस के लिंक को तलाश रही थीं. इस मामले में चिह्नित किए गए छह शूटरों में से चार को गिरफ्तार किया गया है. बाकी कुछ अन्य लोग भी गिरफ्तार किए गए जिन्होंने सूचना देने, हत्यारों की मदद करने और उन्हें इधर से उधर ले जाने का काम किया.
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दो मॉड्यूल, छह शूटर और एक खबरी
स्पेशल सेल ने बताया कि हत्याकांड में गोलियां चलाने में दो मॉड्यूल शामिल थे. दोनों मॉड्यूल लंदन में बैठे गोल्डी बराड़ के टच में थे. सिद्धू मूसेवाला का पीछा कर रही बोलेरो कार को कशिश चला रहा था और इस मॉड्यूल को प्रियव्रत फौजी लीड कर रहा था. इसी कार में अकिंत सिरसा और दीपक मुंडी भी सवार में थे. कोरोला कार को जगरूप रूपा चला रहा था और उसके साथ मनप्रीत मन्नू बैठा था.
A large number of arms & explosives including 8 grenades, 3 pistols and around 50 bullets recovered from the possession of the three persons including two main shooters arrested in the Sidhu Moose Wala murder case: Delhi Police pic.twitter.com/QTRkLC2nv6
— ANI (@ANI) June 20, 2022
सिद्धू मूसेवाला घर से निकले तो संदीप केकड़ा ने सूचना दी कि उनके साथ कोई सिक्योरिटी मौजूद नहीं है. ये लोग कई दिनों से सिद्धू मूसेवाला की रेकी कर रहे थे. 29 मई को जब इन्हें पता चला कि सिद्धू के साथ सुरक्षा नहीं है तो इन लोगों ने उनका पीछा किया.
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मनप्रीत मन्नू ने AK-47 से चलाई पहली गोली
कोरोला कार ने सिद्धू मूसेवाला की थार को ओवरटेक किया और सबसे पहले मनप्रीत मन्नू ने AK-47 से फायर किया. पहली ही गोली सिद्धू मूसेवाला को लग गई और उनकी कार वहीं की वहीं रुक गई. फिर ये दोनों कोरोला से उतरे. तब तक बोलेरो कार भी आ गई और बाकी के चार लोग भी उतर गए. इसके बाद, इन छह लोगों ने हमला कर दिया और जमकर गोलियां बरसाईं.
जब इन लोगों ने देखा कि सिद्धू को गोलियां लग गई हैं और उनके बचने का चांस नहीं है तो ये लोग वहां से चले गए. यहां से जगरूप रूपा और मनप्रीत मन्नू अलग चले गए. बाकी के चार लोग अलग चले गए. बोलेरो वाले चार लोगों को केशव ने कुछ किलोमीटर बाद पिक किया. इन लोगों ने अपनी बोलेरो कार छोड़ दी और केशव के साथ गए. वहां से ये लोग फतेहबाद गए और वहां कुछ दिन रहे. ये लोग यहां से अपनी जगह लगातार बदल रहे थे.
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किराए पर कमरा लेकर गुजरात में छिपे थे हत्यारे
19 जून को इन्हें मुंद्रा पोर्ट के पास खारी मिट्ठी रोड, बरोई गांव से गिरफ्तार किया. इन लोगों ने वहां किराए पर कमरा ले रखा था वहीं रह रहे थे. इन लोगों के पास आठ ग्रैनेड, अंडर बैरल ग्रैनेड लॉन्चर, 9 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, एक असॉल्ट राइफल 20 राउंड गोलियों के साथ, 0.30 बोर के तीन पिस्टल, 36 राउंड गोलियां (7.62MM) और एके सीरीज की असॉल्ट राइफल का एक हिस्सा भी बरामद हुआ है.
हमले में AK सीरीज़ की राइफल और कई पिस्टलों का इस्तेमाल किया गया है. इन लोगों ने बैकअप के तौर पर बाकी के हथियार भी रखे थे, जिसमें ग्रैनेड भी शामिल हैं. ये सारे हथियार हरियाणा में छिपाकर रखे गए थे. प्रियव्रत फौजी की निशानदेही पर ये हथियार बरामद किए गए. प्रियव्रत फौजी के मॉड्यूल में शामिल लोगों ने चार से छह हफ्ते तक आठ या नौ बार रेकी की थी.
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गोल्डी बराड़ को फोन करके कहा- काम हो गया
स्पेशल सेल के मुताबिक, हमले के दौरान दोनों मॉड्यूल गोल्डी बराड़ के संपर्क में थे. जब इन लोगों को लगा कि सिद्धू मूसेवाला को इतनी गोलियां मार दी गई हैं कि उनका बचना नामुमकिन है तभी ये लोग वहां से गए. इन लोगों ने गोल्डी बराड़ को फोन पर यह भी बताया कि काम हो गया है. हमले के बाद ये लोग सतर्क हो गए थे और काफी दिन तक छिपते रहे.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कहा कि हमारा लक्ष्य हत्या का कारण पता लगाना नहीं है. हम ऐंटी टेरर के एंगल से इस केस को देखते हैं ताकि ऐसे मामले राजधानी में न हो पाएं. इस मामले में अब बोलेरो और कोरोला कार में सवार दो-दो लोगों को गिरफ्तार करना बाकी है. अंकित सिरसा, दीपक मुंडी और जगरूप रूपा और मनप्रीत मन्नू अभी भी फरार हैं.
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Sidhu Moosewala Murder की इनसाइड स्टोरी, हत्या के बाद छिपते रहे अपराधी, गोल्डी बराड़ से कहा- काम हो गया