डीएनए हिंदी: श्रद्धा वलकर (Shraddha Walkar) मर्डर केस में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के सामने कई ऐसी चुनौतियां हैं, जिसकी वजह से यह केस कोर्ट में साबित कर पाना पुलिस के मुश्किल होता जा रहा है. अभी तक साक्ष्य के नाम पर पुलिस के पास सिर्फ श्रद्धा वलकर के लिव-इन पार्टर आफताब पूनावाला (Aftab Poonawalla) का बयान है. कोर्ट में सिर्फ उसका कबूलनामा इतना काफी नहीं है कि आफताब को कड़ी से कड़ी सजा दिला सके.
पुलिस लगातार छतरपुर जंगल और आरोपी के ठिकाने पर तलाशी अभियान चला रही है लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है. आरोपी ने यह मर्डर इतने सधी हुई प्लानिंग के साथ की है कि न तो पुलिस खून के धब्बे ढूंढ पा रही है, न ही कोई और मजबूत साक्ष्य. पुलिस को अब तक हत्या में शामिल हथियार तक नहीं मिला है.
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क्या-क्या तलाश रही है पुलिस?
जिस हथियार से श्रद्धा वलकर के शरीर को काटा गया है, वह अभी तक पुलिस नहीं ढूंढ पाई है. शरीर के सभी हिस्से अब तक पुलिस को नहीं मिला है. पुलिस के लिए इतने पुराने सीसीटीवी फुटेज को हासिल करना भी एक चुनौती बनी हुई है. आफताब पूनावाला ने कथित तौर पर 18 मई को श्रद्धा वलकर की हत्या की है. पुलिस को श्रद्धा वलकर की खोपड़ी भी नहीं मिली है. जिस मोबाइल से आरोपी श्रद्धा का सोशल मीडिया पेज ऑपरेट कर रहा था, जिससे बैंक ट्रांजैक्शन हुआ है, वह भी अभी पुलिस की पहुंच से बाहर है.
कहीं पुलिस को गुमराह तो नहीं कर रहा है आरोपी?
आरोपी कभी कह रहा है कि उसने दिल्ली में कहीं फोन छोड़ दिया है, तो कभी कह रहा है कि यह फोन मुंबई में छोड़ दिया है. लगातार बयान पलटने की वजह से खुद पुलिस परेशान है कि कैसे मोबाइल को ट्रेस किया जाए.
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श्रद्धा वलकर मर्डर केस फिलहाल आरोपी आफताब पूनावाला के बयानों के इर्द-गिर्द घूम रहा है. वह जिन इलाकों में श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को फेंकने के बात वह कबूल रहा है, वह भी सच है या नहीं, इस पर पुलिस पूरे दावे से कुछ नहीं कह पा रही है. वह पुलिस को अपने बयानों से भ्रमित कर सकता है.
सबूत जुटाने में पुलिस के सामने क्या हैं चुनौतियां?
दिल्ली पुलिस का कहना है कि बॉडी पार्ट्स, हत्या में शामिल हथियार और मोबाइल फोन अब भी मिसिंग है. हत्या के 6 महीने से ज्यादा वक्त बीच चुके हैं. अगर आफताब की बात सच है तो उसने श्रद्धा वलकर के शरीर के टुकड़े घने जंगल में फेंके है. वहां पहले ही जंगली जानवरों की आमद है. मांसाहारी जानवर भी वहां रहते हैं. शरीर के टुकड़ों का इतने दिन बाद भी सही-सलामत बचे रहना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है. ऐसा भी हो सकता है कि शरीर के टुकड़े इतने दिनों में अलग-अलग इलाकों में जानवर ही उठा लेकर चले गए हों.
यह लिव-इन पार्टनर कपल दक्षिणी दिल्ली के मेहरौली में रहता था. वहां आफताब के रूम में सर्च के बाद भी कुछ हासिल नहीं हो सका है. इस पहाड़ी इलाके में श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स और उससे जुड़ी चीज़ों को तलाशने में पुलिस को मुश्किलें आ रही हैं.
जंगलों में उलझकर रह न जाए मर्डर मिस्ट्री
आफताब ने जिस कमरे में श्रद्धा वलकर की हत्या की थी, वहां खून के धब्बे तक मौजूद नहीं हैं. सिर्फ उसके किचन में एक जगह खून का धब्बा मिला है, जिसकी फॉरेंसिक जांच बाकी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक आफताब ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े किए थे. 3 महीने में उसने जंगल के अलग-अलग इलाकों में ये टुकड़े फेंके थे. अब इन्हें पूरी तरह से जुटा लेना भी पुलिस के बड़ी चुनौती है. आरोपी ने इतने शातिराना तरीके से श्रद्धा का मर्डर किया था कि खून के धब्बे पूरे कमरे से गायब हैं. अगर उसके बयान को सच मानें खून के छींटों के बिना पूरी लाश को टुकड़ों में काट लेना, नामुमकिन लगता है.
डीएनए सैंपल का है पुलिस को इंतजार
डीसीपी अंकित चौहान ने कहा है कि इन टुकड़ों और खून के एक धब्बे को जांच के लिए दिल्ली स्थित फॉरेंसिक साइंस लैब में भेजा गया है. डीएनए परीक्षण के नतीजों का इंतजार पुलिस को है. पुलिस को श्रद्धा के शरीर के करीब 10 से ज्यादा टुकड़े मिले हैं, लेकिन सिर, धड़ या शरीर के किसी हिस्से की बरामदगी ऐसे नहीं कर पाए हैं, जिससे यह पुष्टि हो सके कि यह महिला का ही शरीर है. अब डीएनए सैंपल की जांच के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है.
कहां फेंका है मर्डर वेपन, कहां गए खून से सने हुए कपड़े?
आफताब पूनावाला के कबूलनामे के मुताबिक उसने हत्या के बाद शरीर के मुख्य हिस्सों को श्मशान घाट के इर्द-गिर्द फेंका था. पुलिस को उस श्मशान घाट पर भी कुछ नहीं मिला है. हत्या के वक्त आफताब ने जो कपड़ा पहना था, श्रद्धा जिस कपड़े में थी, उसका भी कोई सुराग नहीं मिल सका है. पुलिस तलाश में जुटी है. उसने कहा था कि एक कूड़े फेंकने वाली गाड़ी में उसने खून से सने कपड़े फेंक दिए थे. उसने फोन भी दिल्ली के बाहर फेंकने की बात कबूली है. 20 से 30 बार अलग-अलग जाकर आफताब ने शरीर के टुकड़ों को जंगल में फेंका है.
कोर्ट ने बढ़ा दी है आफताब की कस्टडी
कोर्ट ने आफताब पूनावाला की पुलिस कस्टडी बढ़ा दी है. उसने नार्को टेस्ट के लिए भी हामी भर दी है, जिसके बाद कोर्ट ने नार्को टेस्ट के लिए मंजूरी दे दी है. पुलिस आफताब पूनावाला और श्रद्धा वलकर के दोस्तों से पूछताछ करने की तैयारी में है. आफताब के बयान केस को उलझा रहे हैं और पुलिस के पास कुछ भी ऐसा नहीं है जो उसे कड़ी से कड़ी सजा दिला सके. फिलहाल पुलिस श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी को रिमांड के दौरान गुरुग्राम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और महाराष्ट्र लेकर जाएगी.
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क्या सिर्फ कबूलनामे पर आफताब को मिलेगी कड़ी सजा?
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विशाल अरुण मिश्रा से जब यही सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में किसी आरोपी का कबूलनामा ही उसे सजा दिलाने के लिए नाकाफी है. यह इतना आसान नहीं है. अभी हमें यह देखना होगा कि पुलिस को प्रथम दृष्टया कितने साक्ष्य मिले हैं, जांच की फाइंडिंग क्या है और फोरेंसिक रिपोर्ट क्या कहती है. हत्या साबित करने के लिए कई दूसरे फैक्टर्स भी सामने आ सकते हैं. चैट हिस्ट्री, कॉल डीटेल्स और डाउट्स इस केस को मजबूत बना सकते हैं.
एडवोकेट विशाल अरुण ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसे संदेह का लाभ मिल सकता है. ऐसे मामले में किसी को सिर्फ संदेह के आधार पर सजा नहीं दी जा सकती है, जिसमें मजबूत साक्ष्यों की जरूरत पड़ती हो. हालांकि यह केस अभी अपनी प्रारंभिक जांच की प्रक्रिया पूरी कर रहा है, ट्रायल में क्या नए तथ्य सामने आते हैं, कितने मजबूत साक्ष्य पुलिस जुटा पाती है, उसके बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है.
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