डीएनए हिंदी: दिवाली के मौके पर देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में दीप जलाए जाते हैं. ऐसे में एक ऐसा मंदिर भी सामने आया है जहां 75 साल बाद दिवाली मनाई गई है. इस मंदिर का जीर्णोद्धार 2021 में शुरू करवाया गया था और काफी हद तक इसका सौंदर्यीकरण किया भी जा चुका है. दिवाली के लिए इस मंदिर को खूब सजाया गया था. हम बात कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के टीटवाल स्थित शारदा मंदिर की. एलओसी के पास मौजूद यह मंदिर इस साल आकर्षण का केंद्र बन गया है.
लंबे समय तक उपेक्षित पड़े इस मंदर की जीर्णोध्दार करवाने के बाद इसे काफी भव्य रूप दिया गया है. दिवाली के मौके पर सेव शारदा कमेटी के फाउंडर और प्रमुख रविंद्र पंडिता ने बताया कि पिछले 75 सालों में यहां पहली बार दिवाली की पूजा हो रही है. उन्होंने यह भी कहा कि बेहद खुशी की बात है कि 75 साल बाद लोगों को यह मौका मिला कि वह यहां पर दिवाली की पूजा देख पाए.
यह भी पढ़ें- बढ़ते प्रदूषण से बढ़ रहा इस घातक बीमारी का खतरा, जानें बचाव का क्या है सही तरीका
सेना के जवान भी हुए शामिल
पूजा के दौरान कई स्थानीय लोगों, कमेटी के प्रमुख रविंद्र पंडिता के साथ-साथ 104 विजय शक्ति ब्रिगेड के कमांडर कुमार दास भी शामिल हुई. दिवाली के मौके पर यहां सत्यनारायण कथा का आयोजन हुआ और लोगों को प्रसाद बांटा गया. सेना के जवानों ने भी इस मंदिर की पूजा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और हर धर्म के लोग यहां मंदिर की पूजा में शामिल हुए.
यह भी पढ़ें- 24 घंटे से फंसी हैं 40 जिंदगियां, उत्तराखंड की सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
दरअसल, 1947 तक यहां दिवाली मनाई जाती थी. आजादी के तुरंत बाद हुए कबाइली हमले में इस मंदिर और एक गुरुद्वारे पर हमला करके उसे जला दिया गया था. उसके बाद से ही इस मंदिर में कभी दिवाली की पूजा नहीं की गई. यह नदी किशनगंगा यानी नीलम नदी के किनारे पर बसा हुआ है. इसी मंदिर के पास एक गुरुद्वारा और मस्जिद भी बनवाई गई है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
इस मंदिर में आजादी के बाद पहली बार मनाई गई दिवाली, जानिए क्या थी वजह