सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए था कि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्गों के अंदर सब कैटगरी का निर्माण किया जाए. ताकि आरक्षण के तहत जरूरतमंद जातियों को अलग से कोटा मिल सके. कोर्ट की तरफ से इस बात का भी जिक्र किया गया था कि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की तरह ही एससी-एसटी वर्गों के भीतर भी क्रीमी लेयर का प्रावधान लाया जाए. साथ ही कोर्ट की ओर से प्रदेशों को इसको लेकर निर्देश दिया गया कि वे एससी-एसटी वर्ग में क्रीमी लेयर को चिन्हित करने को लेकर एक नई पॉलिसी लाएं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (LJP-R) और पार्टी प्रमुख चिराग पासवान नाखुश नजर आ रहे हैं. वो इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने जा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे चिराग!
मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान सुप्रीम कोर्ट के SC-ST Reservation को लेकर सब-कैटगरी और क्रीमी लेयर को तय करने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने कोर्ट जाएंगे. पार्टी की तरफ से कहा गया है कि 'हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट से दरखास्त करेगी कि वो अपने हाल में दिए गए निर्णय का रिव्यू करें, इस निर्णय के अंतर्गत अनुसूचित जाति के कोटे में 15% सब-कैटगरी को देने की बात कही गई है. एससी कोटे के भीतर क्रीमी लेयर का प्रावधान नहीं दिया जा सकता है.'
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'SC कोटा के अंदर क्रीमी लेयर और सब-कैटगरी सही नहीं'
पार्टी की तरफ से आगे कहा गया कि 'ऐसा करने से सामाजिक रूप से आखिरी पायदान पर खड़े समाज को मेन-स्ट्रीम में लाने का उद्देश्य पूरा नहीं होगा. इस समाज को छुआछूत का दंश झेलना पड़ा है. अनुसूचित जाति के ज्यादातर लोग, यहा तक कि संपन्न परिवारों और शिक्षित लोगों को भी अस्पृश्यता का शिकार होना पड़ता है. इसलिए, अनुसूचित जाति के कोटा के अंदर क्रीमी लेयर और सब-कैटगरी की अनुमति देना सही नहीं है.'
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'नहीं चाहिए क्रीमी लेयर', SC-ST Reservation को लेकर सुप्रीम कोर्ट क्यों जा रहे हैं चिराग