डीएनए हिंदी: शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं. संजय राउत को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में 4 अगस्त तक भेज दिया है. संजय राउत की गिरफ्तारी पात्रा चॉल केस (Patra Chawl Case) से जुड़े एक मामले में हुई थी. उन पर आरोप है कि वे और उनके करीबी हजार करोड़ के घोटाले में कथित तौर पर संलिप्त हैं.
संजय राउत न तो पहले ऐसे नेता हैं जिनकी गिरफ्तारी हुई है, न ही आखिरी. अगर महाराष्ट्र (Maharashtra) की ही बात करें तो वहां कई नेताओं के गले में केंद्रीय जांच एजेंसियों की फांस है. पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से लेकर अजित पवार और नवाब मलिक तक अलग-अलग भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे हैं.
अगर हम कनविक्शन की बात करें तो ऐसे गिने-चुने नाम ही हैं जिन्हें सजा मिली है. लालू यादव, ओम प्रकाश चौटाला, सुरेश कलमाड़ी, कनिमोझी और बंगारू लक्ष्मण और सुखराम, ए राजा जैसे नेताओं के नाम ही सामने आते हैं. इनमें भी ज्यादातर ऐसे नाम हैं जिन्होंने कुछ दिन ही जेल में बिताए और बाहर आ गए.
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जांच एजेंसियों पर अक्सर आरोप लगता है कि ये केंद्र सरकार के दबाव में काम करती हैं. कोलगेट स्कैम की सुनवाई के दौरान साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तोता तक बता दिया था. विपक्ष अक्सर आरोप लगाता है कि नरेंद्र मोदी सरकार भी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.
आइए जानते हैं उन घोटालों के बारे में जिनमें नेताओं की केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तारी तो की लेकिन सजा अब तक नहीं हुई है.
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INX Media केस और पी चिंदबरम:
अगस्त 2019 में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता पी चिदंबरम की गिरफ्तारी हुई थी. आईएनएक्स मीडिया केस में उनका नाम सामने आया था. इस केस में उनके बेटे कार्ती चिदंबरम भी फंसे हैं. 2 महीने तक लगातार जेल में रहने के बाद पी चिदंबरम को रिहा कर दिया गया था. उनकी गिरफ्तारी पर बड़ी चर्चा हुई थी. पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम पर INX मीडिया केस में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (FIPB) से गैरकानूनी तौर पर मंजूरी दिलाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है. केस की सुनवाई चल रही है लेकिन सजा अब तक नहीं मिली है. आरोपी जमानत पर रिहा हैं.
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नेशनल हेराल्ड केस: राहुल गांधी और सोनिया गांधी तक जांच की आंच!
नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी हैं. ED दोनों नेताओं से पूछताछ कर चुकी है. यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की नई कंपनी और एजेएल के बीच हुई इस डील की जांच जारी है लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है. आरोप यह भी है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को टीजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है. यंग इंडिया में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया था.
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सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे जबकि बाकी के 24 प्रतिशत शेयर अन्य निदेशकों के पास थे. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी को 90 करोड़ रुपए बतौर कर्ज दिया था. यंग इंडिया ने AJL का अधिग्रहण कर लिया. पूरे केस को लेकर मनीलांड्रिंग का केस चल रहा है. यह केस साल 2012 में सामने आया था. इस केस के 10 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक कुछ भी फैसला नहीं हुआ है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ तो होगी लेकिन केस पर अंतिम फैसला कब आएगा कहा नहीं जा सकता है. जांच एजेंसी को यहां भी अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने में वक्त लग रहा है.
शारदा चिटफंड स्कैम: ममता बनर्जी का नाम लेकिन...
केंद्र सरकार के खिलाफ हमेशा तीखे तेवर अपनाने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी भी आरोपों के घेरे में हैं. साल 2013 में शारदा चिटफंड घोटाले में TMC के कई दिग्गज नेताओं के नाम सामने आ गए थे. ईडी और सीबीआई पिछले 9 साल से इस केस की जांच कर रही हैं. सीबीआई का दावा है कि सीएम राहत कोष से नियमित रूप से पैसे का भुगतान किया गया जोकि मई 2013 से अप्रैल 2015 के बीच प्रति माह 27 लाख रुपये था.
आवेदन में कहा गया कि ये राशि कथित तौर पर मीडिया कंपनी के कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए दी गई, जो जांच के तहत शारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज का हिस्सा थी. इस केस में ममता बनर्जी तक जांच की आंच पहुंच सकती है लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं अब तक निकल सकता है.
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: कहां तक जाएगी जांच?
पश्चिम बंगाल में एक और घोटाला इन दिनों चर्चा में है. स्कूल भर्ती घोटाले (WBSSC Scam) को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) बुरी तरह फंस गई है. ममता बनर्जी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे है. पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी जेल में हैं. ईडी की कार्रवाई में अर्पिता के घर से अब तक 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी मिल चुकी है. ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को न केवल मंत्री पद से हटाना दिया है बल्कि पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा गया है. करोड़ों के इस घोटाले में जांच की आंच कहां तक जाएगी अभी कहना मुश्किल है. प्रवर्तन निदेशालय एक्शन में है लेकिन जांच का अंतिम नतीजा कब तक आएगा, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है.
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Sanjay Raut: घोटालों में नेताओं की होती है गिरफ्तारी लेकिन सजा नहीं, बड़े धोखे हैं इस राह में