डीएनए हिंदी: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को पाकिस्तान के अपने समकक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी की मौजूदगी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में दो टूक कहा कि बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद के सभी स्वरूपों और इसके वित्तपोषण को रोकना चाहिए. जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो आतंकी देश के प्रवक्ता हैं. पाकिस्तान की किसी भी बात का भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा. वहीं, बिलावल भुट्टो ने अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का मुद्दा उठाया, जिसे कश्मीर के परोक्ष संदर्भ के रूप में देखा गया. जयशंकर ने इसका भी करारा जवाब दिया.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा. आर्टिकल 370 अब इतिहास है. लोग जितनी जल्दी इस बात को समझ लें उनके लिए उतना बेहतर है. दरअसल, बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कश्मीर में अगस्त 2019 जैसी स्थिति बहाल नहीं हो जाती है.
PoK कब खाली कर रहा है पाकिस्तान-जयशंकर
इसका जवाब देते हुए भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान से सिर्फ एक बात हो सकती है कि वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को कब खाली कर रहा है. कश्मीर में G-20 की बैठकों पर आपत्ति पर जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान का जी-20 से कोई लेना देना नहीं है. उनका कश्मीर और श्रीनगर से भी लेना देना नहीं है. जम्मू-कश्मीर में जी-20 बैठक तय समय पर ही होगी.
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आतंकवाद की मुद्दे पर सुनाई खरी-खरी
SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक में अपने संबोधन में जयशंकर ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा और जब दुनिया कोविड-19 महामारी और उसके प्रभावों से निपटने में लगी थी, तब भी आतंकवाद की समस्या ज्यों की त्यों बनी रही. सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद को बिल्कुल उचित नहीं ठहराया जा सकता है. इस खतरे से मुकाबला करना एससीओ के मूलभूत कार्यक्षेत्र में शामिल है. उन्होंने कहा कि हमें किसी भी व्यक्ति या देश को सरकार से इतर तत्वों के पीछे छिपने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
जयशंकर ने यह भी रेखांकित किया कि संपर्क प्रगति की कुंजी है, लेकिन इसके लिए सभी सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को ध्यान में रखना चाहिए. गोवा के इस बीच रिसॉर्ट में चीन के विदेश मंत्री छिन कांग और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव तथा एससीओ के अन्य देशों के उनके समकक्षों ने बैठक की. जयशंकर ने कहा, ‘‘आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए नुकसानदेह होगा. हमारा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है. सीमापार आतंकवाद समेत इसके सभी स्वरूपों का खात्मा किया जाना चाहिए. सदस्यों को यह याद दिलाने की जरूरत नहीं है कि खतरे से मुकाबला करना एससीओ के मूलभूत कार्यक्षेत्र में शामिल है.’
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बिलावल भुट्टो ने अलापा आर्टिकल 370 का राग, जयशंकर का पलटवार 'जम्मू-कश्मीर हमारा था, है और रहेगा'