साउथ अफ्रीका में एनआईए (NIA) ने PFI के मोस्ट वॉन्टेड मोहम्मद गौस नियाजी को गिरफ्तार कर लिया है. नियाजी पर आरएसएस कार्यकर्ता रुद्रेश की हत्या का आरोप है. 2016 में इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद से वह दुनिया के अलग-अलग देशों में पनाह लिए हुए था. करीब 8 साल बाद आखिरकार वह भारतीय एजेंसी के हाथ लगा है. एनआईए ने उसके ऊपर 5 लाख रुपये का इनाम भी रखा था. जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि पूछताछ में कई और महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं.
PFI के बड़े चेहरों में शुमार है नियाजी
नियाजी की गिनती PFI के टॉप चेहरों में होती थी. 2016 में बेंगलुरु में आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के बाद से वह फरार था. देश से भागने के बाद उसने कई देशों में शरण ली थी, लेकिन आखिरकार साउथ अफ्रीका से उसे पकड़ लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक नियाजी को सबसे पहले गुजरात एटीएस ने ट्रैक किया और फिर उसके दक्षिण अफ्रीका में होने की सूचना एनआईए को दी थी.
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नियाजी के कई साथी पहले से ही जेल में हैं
मोहम्मद गौस नियाजी को गौस भाई के नाम से जाना जाता है. रुद्रेश मर्डर केस के बाद से वह फरार चल रहा था. 8 सालों तक चकमा देने के बाद आखिरकार उसे अरेस्ट कर लिया गया है. बुलाया जाता है. वह बेंगलुरु के आरटी नगर का रहने वाला है. नियाजी के कई साथी पहले से ही जेल में हैं. उसे मुंबई डिपोर्ट किया जाएगा जिसके बाद एनआईए की टीम कई केस को लेकर उससे पूछताछ करने वाली है.
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साउथ अफ्रीका से पकड़ा गया PFI का मोस्ट वॉन्टेड, RSS नेता की हत्या का आरोप