डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने भारतीय परिवार व्यवस्था की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि महिलाओं का सम्मान और सशक्तीकरण घर से शुरू होना चाहिए और उन्हें समाज में उनका उचित स्थान मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि महिलाओं को 'जगत जननी' कहा जाता है, लेकिन उनके घरों में उन्हें 'गुलाम' माना जाता है.
मोहन भागवत नागपुर में 'अखिल भारतीय महिला चरित्र कोष प्रथम खंड' नामक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे. उन्होंने भारत के 'विश्व गुरु' बनने के सपने को साकार करने में महिलाओं के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, "अगर हम एक विश्व गुरु के रूप में भारत का निर्माण करना चाहते हैं तो सिर्फ पुरुषों की भागीदारी ही काफी नहीं है, बल्कि महिलाओं की समान भागीदारी की भी आवश्यकता है."
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उन्होंने कहा कि यह सोचने का समय है कि महिलाओं को उनके घरों में उनका सही स्थान दिया जा रहा है या नहीं. RSS प्रमुख ने कहा, "एक तरफ हम उन्हें जगत जननी के रूप में मानते हैं, लेकिन दूसरी तरफ हम उन्हें घर में गुलामों की तरह मानते हैं. हमें महिलाओं को अच्छा वातावरण देने की ज़रूरत है. महिलाओं को प्रबुद्ध, सशक्त और शिक्षित किया जाना चाहिए और यह प्रक्रिया घर से शुरू होनी चाहिए."
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इनपुट- PTI
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भारत को 'विश्व गुरु' बनाने के लिए क्या करना होगा? RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बताया