राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को देश के लिए ऐतिहासिक सम्मान बताया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) वाले दिन से भारत सही मायने में आजाद हुआ है. उन्होंने मंदिर के लिए शुरू आंदोलन के बारे में कहा कि यह भारत के 'स्व' के लिए शुरू किया गया आंदोलन था. इसने भारत को अपने पैरों पर खड़े होकर दुनिया को रास्ता दिखाने का साहस दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को प्रतिष्ठा द्वादशी के तौर पर पूरे देश में मनाना चाहिए. सही मायनों में भारत इसी दिन आजाद हुआ है.
प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन को द्वादश प्रतिष्ठा के तौर पर मनाने का दिया प्रस्ताव
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन को भारत में द्वादश प्रतिष्ठा के तौर पर मनाया जाना चाहिए. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, 11 जनवरी को इस साल प्रथम वर्षगांठ के तौर पर मनाया गया है. आरएसएस चीफ ने कहा, 'राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन पूरे देश में कहीं कोई क्लेश नहीं हुआ था. हर ओर उल्लास और उत्सव का माहौल था.' इंदौर में आयोजित एक पुरस्कार समारोह के दौरान उन्होंने यह बात कही.
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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को देश का गौरव बताते हुए आरएसएस चीफ ने कहा कि यह पल पूरे देश के स्वाभिमान का प्रतीक है. इस दिन पूरे देश में उत्साह था. बता दें कि पिछले साल 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. पीएम मोदी ने भी इसे देश का गौरवशाली पल बताते हुए कहा था कि राम भारत भूमि के कण-कण में हैं. राम विवाद नहीं बल्कि समाधान हैं.
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RSS चीफ मोहन भागवत का बड़ा बयान, 'राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन हुआ है भारत आजाद'