आज केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने एक इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू के दौरान उनकी आंखें नम हो गईं. इंटरव्यू में उन्हें उस समय की याद आ गई जब उनकी मां बीमार थीं और वह जेल में थे. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा और उनके तानाशाही के आरोप को बेबुनियाद करार दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग हमपर तानाशाही का आरोप लगाते हैं, उन्होंने खुद इमरजेंसी लगाई थी. उस दौरान उनका निजी पारिवारिक अनुभव काफी बुरा रह. इसी समय राजनाथ सिंह की मां का निधन हो गया था. वह काफी दिनों तक अस्पताल में भर्ती थी, लेकिन राजनाथ सिंह जेल में बंद थे और उन्हें पैरोल नहीं मिल सकी थी.
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मां से नहीं मिल पाए थे राजनाथ सिंह
ANI से बातचीत में राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि जिन्होंने 1975 में देश में इमरजेंसी लगाई थी, आज वह लोग हम पर तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं. 'मैं इमरजेंसी के दौरान जेल में था. मुझे आपातकाल का विरोध करने के चलते जेल में डाला गया था. तब मेरी माताजी बीमार थीं. उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया और 21 दिनों तक हॉस्पिटल में रही थीं, लेकिन कई कोशिशों के बावजूद में उनको देखने भी नहीं जा पाया. मुझे पैरोल नहीं मिली.
इसी बीच मेरी मां नहीं रहीं, उनका निधन हो गया, लेकिन मुझे रिहाई भी नहीं मिल सकी. मैं तो मां के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाया,' ऐसा कहते हुए राजनाथ सिंह कुछ देर के लिए मौन हो गए और फिर इसके बाद उन्होंने कहा कि, हैरानी होती है कि ये लोग हम पर तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं.
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मां की चिता में आग देने के लिए भी नहीं दी कांग्रेस ने मुझे पेरोल' क्यों भर आईं Rajnath Singh की आंखें