डीएनए हिंदी: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Pandit Nehru) के बारे में कहा है कि उनकी नीतियां गलत हो सकती हैं लेकिन उनकी नीयत सही थी. जम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचे राजनाथ सिंह भारतीय सशस्त्र बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि देने वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. गुलशन ग्राउंड (Gulshan Ground) में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि करगिल युद्ध में भारत की जीत सेना के शौर्य और पराक्रम का गौरवपूर्ण हिस्सा है. शहीदों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान को देश नहीं भूल सकता है.
इसी कार्यक्रम में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू का जिक्र किया. राजनाथ सिंह ने कहा, 'पंडित नेहरू की आलोचना बहुत लोग करते हैं. मैं एक अलग पार्टी से आता हूं लेकिन मैं पंडित नेहरू या किसी भी दूसरे प्रधानमंत्री की आलोचना नहीं कर सकता. उनकी नीतियां भले ही गलत रही हों लेकिन उनकी नीयत खराब नहीं थी.'
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राजनाथ सिंह ने कहा, 'साल 1962 में चीन ने लद्दाख में हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया. उस वक्त पंडित नेहरू हमारे प्रधानमंत्री थे. मैं उनकी नीयत पर शक नहीं कर सकता. नीयत अच्छी या बुरी हो सकती है लेकिन नीतियां अच्छी नहीं थीं. हालांकि, आज भारत दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक है.'
'रक्षा उपकरणों के आयातक से निर्यातक बना भारत'
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत रक्षा उपकरणों के मामले में दुनिया के सबसे बड़े आयातक से एक निर्यातक बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. शहीदों को याद करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'समाज और लोगों का यह कर्तव्य है कि वे शहीदों और उनके परिवारों को पूरा सम्मान दें. आप जो भी सहायता कर सकते हैं, उनके परिवारों के लिए करें. यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है.'
PoK भारत का हिस्सा है, हम यह मानते हैं। संसद में इस बारे में सर्वसम्मत प्रस्ताव भी पारित है।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 24, 2022
यह कैसे हो सकता है कि शिव के स्वरूप बाबा अमरनाथ हमारे पास हों, पर शक्ति स्वरूपा शारदा जी का धाम LoC के उस पार रहे… pic.twitter.com/4ha4qJMBeD
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देश के रक्षा उत्पादन का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'भारत (रक्षा उत्पादों का) दुनिया का सबसे बड़ा आयातक था. आज, भारत दुनिया का सबसे बड़ा आयातक नहीं है, बल्कि रक्षा निर्यात में शामिल शीर्ष 25 देशों में से एक है. उन्होंने कहा कि देश ने 13,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात शुरू कर दिया है और 2025-26 तक इसे बढ़ाकर 35,000 रुपये से 40,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने भी जम्मू विश्वविद्यालय के पास गुलशन ग्राउंड में सभा को संबोधित किया. आपको बता दें कि राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के वास्ते पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए त्रिकुट नगर स्थित बीजेपी कार्यालय में पार्टी नेताओं की एक विशेष बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं.
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चीन, लद्दाख के बहाने पंडित नेहरू पर निशाना, राजनाथ बोले- नीयत तो सही थी लेकिन नीतियां नहीं